झारखंड लौटने वाले प्रवासी श्रमिकों को 7 दिनों तक किया जाएगा क्वारंटाइन..

कोरोना वायरस संक्रमण के मद्देनजर देश के कई राज्यों में लॉकडाउन लागू है। ऐसे में वहां से झारखंड के प्रवासी मजदूर वापस अपने घर लौटने लगे हैं। इन प्रवासी मजदूरों के वापस झारखंड आने से काेरोना वायरस संक्रमण का फैलाव ना हो, इस उद्देश्य से हेमंत सरकार ने इन प्रवासी मजदूरों को हर हाल में कोरोना जांच कराने पर जोर दिया है, ताकि राज्य के ग्रामीण इलाकों में कोरोना वायरस संक्रमण का विस्तार ना हो सके। इस संबंध में मुख्य सचिव सुखदेव सिंह की ओर से आदेश जारी हुआ है।

दूसरे राज्यों से झारखंड आने वाले श्रमिक अब सीधे घर नहीं जा पाएंगे। दूसरे राज्यों से झारखंड आने वाले को पहले 7 दिन तक अपने जिले में ही क्वारंटाइन किया जाएगा। इसके पहले स्टेशन पहुंचते ही इनकी रैपिड एंटीजन जांच की जाएगी। रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद भी उन्हें क्वारंटाइन किया जाएगा।

आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से जारी आदेश के मुताबिक इन्हें इनके जिले में ही क्वारंटाइन किया जाएगा। सात दिन के बाद दोबारा से जांच की जाएगी। उस दौरान अगर उनकी रिपोर्ट निगेटिव आती है। तभी उन्हें घर भेजा जाएगा। रिपोर्ट पॉजिटिव आ जाने के बाद इन्हें इलाज के लिए कोविड केयर सेंटर में भेजा जाएगा।

इस संबंध में सीएम हेमंत सोरेन ने ट्वीट कर कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना वायरस संक्रमण का विस्तार ना हो, इसके लिए राज्य सरकार ने बाहर से झारखंड आ रहे मजदूरों के लिए कदम बढ़ाया है. उन्होंने कहा कि राज्यवासियों की सुरक्षा के प्रति राज्य सरकार संवेदनशील है। इस संकट की घड़ी में प्रवासी मजदूरों से साथ देने की अपील की है।

बता दें कि पिछले एक महीने से मुंबई, गुजरात और दिल्ली से आने वाले श्रमिक स्टेशन से सीधा अपने घर चले जा रहे हैं। स्टेशन पर जांच की व्यवस्था तो है, लेकिन आधे से ज्यादा लोग बिना जांच कराए ही अपने घर चले जा रहे हैं। अभी तक प्रशासन की तरफ से इनको क्वारंटाइन की कोई व्यवस्था नहीं की गई थी। पॉजिटिव श्रमिक भी बिना किसी रोक-टोक के अपने घर चले जा रहे हैं।

अब सात दिन रहना होगा कोरेन्टाइन, कोरोना जाँच जरूरी..
बुधवार को जारी आदेश में बताया गया कि बाहर से झारखंड आ रहे प्रवासी मजदूरों को कोरोना टेस्ट कराना अनिवार्य है। इस दौरान जिन मजदूरों का कोरोना टेस्ट निगेटिव आयेगा, उन्हें 7 दिन के लिए होम कोरेंटिन में रहना हाेगा। इस दौरान जिला प्रशासन की ओर से हर सुविधाएं उपलब्ध करायी जायेगी। वहीं, मजदूरों को उनके घर से भेजने से पहले रैपिड एंटीजन टेस्ट भी कराना होगा।

टेस्ट पॉजिटिव आने पर दो टेस्ट कराने होंगे..
इसके अलावा जिन प्रवासी मजदूरों का कोरोना टेस्ट पॉजिटिव आयेगा, उन्हें दो टेस्ट कराने होंगे और निगेटिव आने के बाद होम आइसोलेशन के बाद ही उन्हें वापस घर भेजा जायेगा। इस दौरान कोरोना गाइडलाइन का पूरी तरह से पालन करना होगा। इस संबंध में राज्य सरकार ने सभी जिले के DC को इसको हर हाल में पालन करने संबंधी निर्देश दिये हैं।

पंचायत स्तर पर शुरू किए जाएंगे क्वारंटाइन सेंटर..
कोरोना के बढ़ते संक्रमण और श्रमिकों की संख्या को देखते हुए सरकार ने एक बार फिर से पंचायत स्तर पर क्वारंटाइन सेंटर पर शुरू करने का आदेश दिया है। इसे क्रियान्वित करने के लिए सरकार ने पहल शुरू कर दी है। क्वारंटाइन सेंटर में रहने वालों के लिए भोजन की व्यवस्था करने के लिए भी संबंधित अधिकारियों को पूरी तैयारी समय पर कर लेने का निर्देश दिया गया है।