राज्य में ओमिक्रॉन का नया सब वेरिएंट ‘सेंटोरस’ मिला, जानें इससे बचाव के उपाय..

रांची: झारखंड में कोरोना की रफ्तार कम होने का नाम नहीं ले रही है.क्या झारखंड में कोरोना की चौथी लहर दस्तक दे सकती है? यह सवाल अहम है क्योंकि संदिग्ध मरीजों के लिए गए सैंपल में कोरोनावायरस के सब वैरिएंट का पहचान हुई है. इस सब वेरियन का नाम बीए 2.75 रखा गया है. जिसका संक्रमण दर यानी फैलने की छमता ज्यादा है. बता दें कि 180 सैंपल में 114 सैंपल में नए वेरिएंट का पता चला है जो कि कुल मामलों का 63.23% है. एक्सपर्ट ओमिक्रॉन के सब वैरिएंट के चलते चौथी लहर आने की चेतावनी दे चुके हैं. इन दोनों सब वैरिएंट का संक्रमण दर अत्यधिक है. यह नया सब-वैरिएंट उन लोगों को भी संक्रमित कर सकता है, जिन्हें पहले ही टीका लगाया जा चुका है. राज्य में इस सब वैरिएंट की अत्यधिक रफ्तार पर केंद्र सरकार ने राज्य को टेस्टिंग की रफ्तार बढ़ाने को कहा है.

बन सकता है चौथी लहर का कारण..
BA 2.75 वेरिएंट को सैंटोरस के नाम से भी जाना जा रहा है. विशेषज्ञ कहते हैं कि जिस रफ्तार से यह फैल रहा है यह कोरोना की चौथी लहर का कारण बन सकता है. ऐसा प्रारूप इससे पहले कुछ यूरोपियन देशों में भी देखा गया है. यह मेजर इम्यून स्कोप वाला हो सकता है. जिसका अर्थ है कि यह प्रतिरक्षा प्रणाली को आसानी से चकमा देने वाले म्यूटेशन वाला वैरीअंट है.

18 प्लस का 36.34 लाख और बच्चों का 13.83 लाख डोज उपलब्ध..
स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों की माने, तो राज्य में 18 प्लस के लिए 36,34,420 डोज उपलब्ध है. कोविशिल्ड का 34,39,360 डोज और कोवैक्सीन का 1,95,060 डोज उपलब्ध है. वहीं, बच्चों को लगाया जाने वाला टीका कोर्बीवैक्स का स्टॉक भी 13,83,080 है. टीकाकरण में रुचि नहीं दिखाने के कारण 18 प्लस के 25 फीसदी लोगों ने अभी तक टीका का दूसरा डोज नहीं लिया है. राज्य में 18 प्लस के 1,57,84,199 (75%) लाेगों ने दूसरा डोज लिया है, जबकि 2,12,49,965 का लक्ष्य निर्धारित है. इसमें कई लोगों के टीका लेने का निर्धारित समय पार कर गया है.

वैक्सीनेशन ही है सुरक्षित उपाय..
इधर,15 से 17 साल के 23,98,000 किशोरों में 15,22,167 को पहला डोज (63%) और 9,32,498 ने दूसरा डोज (39%) लिया है. वहीं, बच्चों के टीका कोर्बीवैक्स का स्टॉक भी 13,83,080 है, लेकिन उनमें भी उत्साह नहीं है. राज्य में 12 से 14 साल के 15,94,000 बच्चों को टीका देने का लक्ष्य है, लेकिन अभी तक 9,71,890 ने पहला डोज (61%) और 4,56,034 ने दूसरा डोज (29%) टीका लिया है. विशेषज्ञों का कहना है कि वायरस के नये वैरिएंट को लेकर लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए, क्योंकि कोमर्बिडिटी डिजीज (कई बीमारी से पीड़ित) वाले कई मरीजों के लिए यह जानलेवा हो सकता है. ऐसे में टीका लेकर अपने को सुरक्षित रखा जा सकता है.

हर दस्तक अभियान के 60 दिन में 17.34 लाख का टीकाकरण..
राज्य में टीकाकरण अभियान फेज-टू में तेजी लाने के लिए एक जून 2022 को शुरू किया गया था. वहीं, 15 जुलाई से कोविड टीकाकरण का अमृत महोत्सव भी शुरू किया गया. इन दोनों अभियान के तहत अभी तक 17,34,639 लोगों को टीका लगाया गया है. 60 दिन के इस अभियान में 3,62,984 को पहला और 7,24,735 को दूसरा डोज का टीका लगा. वहीं, 6,46,920 को प्रीकॉशन डोज का टीका दिया गया.