हाथी पर सवार होकर शरद नवरात्र में आएगी मां जगदंबा..

Navratri special: 15 अक्टूबर, रविवार से शारदीय नवरात्र आरंभ हो रहे है। हिंदू धर्म में नवरात्र का बहुत बड़ा महत्व है माता के भक्तों के लिए नवरात्र के 10 दिन सुख, समृद्धि ,धन और खुशहाली वर्षा की तरह है जिस प्रकार वर्षा जमीन को भिगोकर सृष्टि का नया सीजन करती है इस प्रकार माता के आगमन के साथ ही सृष्टि का पुनर्निर्माण होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, माता पार्वती कैलाश पर्वत से धरती पर 10 दिनों के लिए अपने मायके आती है। धार्मिक कथाओं में यह भी मान्यता है कि ब्रह्मा, विष्णु और महेश ने आदि शक्ति का आवाह्न किया जिसके बाद मां आदिशक्ति देवी दुर्गा का रूप में प्रकट हुई। नौ दिनों तक देवी दुर्गा और महिषासुर के बीच भयंकर युद्ध हुआ 10वें दिन मां दुर्गा ने दुष्ट राक्षस महिषासुर का वध कर दिया। जिसके उपलक्ष्य में हर साल नवरात्रि का पर्व मनाया जाता है।

कब से शुरू है नवरात्र….
इस वर्ष देवी का आगमन आश्विन शुक्ल प्रतिपदा तिथि पर 15 अक्टूबर को होगा और विदाई दशमी तिथि यानी 24 अक्टूबर को होगी। आचार्यों के अनुसार, इस बार नवरात्र में बेहद दुर्लभ शुभ संयोग बन रहा है। इस बार नवरात्र में सर्वार्थसिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग एकसाथ बनते नजर आएंगे।

मां की सवारी का विशेष महत्व….
हर साल शारदीय नवरात्रि की शुरुवात आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से होती है। नवरात्री से ठीक एक दिन पहले सर्वपित्र अमावस्या के साथ श्राद्ध पक्ष का समापन होता है मान्यताओं के अनुसार प्रत्येक साल मां दुर्गा का आगमन किसी विशेष सवारी पर होता है। जिसका विशेष महत्व होता है। पहले दिन कल स्थापना के साथ 9 दिनों के नवरात्रे शुरू होते है इस साल शारदीय नवरात्रि का प्रारंभ 15 अक्टूबर दिन रविवार से हो रहा है।

हाथी पर सवार होकर आएंगे मां….
इस वर्ष शारदीय नवरात्रि की शुरुआत रविवार से हो रही है शास्त्रों के अनुसार जब रविवार या सोमवार से नवरात्रि शुरू होती है तो माता का वाहन हाथी होता है। अर्थात माता हाथी पर आएंगे इसे अति शुभ माना गया है। हाथी पर सवार होकर माता का आगमन अधिक वर्षा, खुशहाली और समृद्धि का संकेत देता है। धार्मिक मान्यता अनुसार, जिस साल नवरात्रि में मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आती हैं उस साल वर्षा अधिक होती है, जिसके प्रभाव से चारों ओर हरियाली, अच्छी फसल, साथ ही अन्न के भंडार भरने से जीवन में संपन्नता आती है।

मां की प्रस्थान सवारी मुर्गा…..
शास्त्रों के अनुसार अगर नवरात्रि का समापन रविवार और सोमवार के दिन हो तो मां दुर्गा भैंसे पर सवार होकर जाती हैं, जिसे शुभ नहीं माना जाता है। इसका मतलब होता है कि देश में शोक और रोग बढ़ेंगे। वहीं शनिवार और मंगलवार को नवरात्रि का समापन हो तो मां मुर्गे पर सवार होकर जाती हैं। मुर्गे की सवारी दुख और कष्ट की वृद्धि को ओर इशारा करता है। बुधवार और शुक्रवार को नवरात्रि समाप्त होती है, तो मां हाथी पर प्रस्थान करती है जो अधिक वर्षा क ओर संकेत देता है। इसके अलावा यदि नवरात्रि का समापन गुरुवार को हो तो मां दुर्गा मनुष्य के ऊपर सवार होकर जाती हैं, जो सुख और शांति की वृद्धि की ओर इशारा करता। इस वर्ष माता दुर्गा मुर्गी सवार होकर प्रस्थान करेगी।