सुखाड़ की आहट से झारखंड सरकार है चिंतित..

Jharkhand: राज्य में बारिश और रोपा की वर्तमान स्थिति को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गंभीरता से लिया है। अब तक झारखंड में बहुत ही कम बारिश हुई है। जिसके कारण खेतों में सुखार पड़ रहा है। उन्होंने सोमवार को कृषि विभाग की समीक्षा के दौरान अधिकारियों को अलर्ट रहने के निर्देश दिये है।

वैकल्पिक खेती के लिए करे प्रेरित….
उन्होंने कहा कि मौसम का जिस तरह का रुख देखने को मिल रहा है, उससे किसानों के सामने कई बड़ी चुनौतियां खड़ी हो रही है। ऐसे हालात में नयी फसलों या फसल प्रणालियों से कृषि उत्पादन को जोड़ने का एक्शन प्लान तैयार करे। किसानों को वैकल्पिक खेती करने के लिए भी प्रेरित करे। उन्हें इस बाबत तकनीकों की भी जानकारी दे। उन्होंने यह भी कहा कि किसानों को स्थापित मिलेट्स, दाल और ऑयल सीड की खेती के लिए प्रेरित करे।

केसीसी लोन को दे स्वीकृत….
सीएम ने अधिकारियों से कहा कि ज्यादा से ज्यादा किसानों को केसीसी से आच्छादित कर उन्हें लोन उपलब्ध कराने की पहल करें। ऐसा देखा जा रहा है कि केसीसी लोन स्वीकृत करने में बैंक दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं। ऐसे में सहकारी बैंकों और ग्रामीण बैंकों से लांच कराने की दिशा में कार्य करें। किसानों को खेती से जोड़े रखें।

कृषि योग्य भूमि हो कम …..
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज कृषि योग्य भूमि कम हो रही है और यह कृषि के लिए किसी भी रूप में अच्छा संकेत नहीं है। ऐसे किसान खेतिहर मजदूर बनने को मजबूर है। उन्हें बिरसा हरित ग्राम योजना और नीलाम्बर – पीताम्बर जल समृद्धि योजना जैसी योजनाओं से जोड़ें। इससे वे कृषि और उससे संबंधित कार्यों से जुड़े भी रहेंगे और उनकी आय में भी इजाफा होगा।

एग्रो इंडस्ट्रीज को मिलेगा बढ़ावा…
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड में कई ऐसे कृषि और वन उपज हैं, जिसकी अच्छी पैदावार होती है। पर, किसानों को उसका लाभ नहीं मिल पाता। ऐसे में इन्हें बाजार उपलब्ध कराने के साथ निर्यात की संभावनाओं को तलाशें । एग्रो इंडस्ट्रीज को भी बढ़ावा देने की दिशा में कार्य योजना बनाएं।

जर्जर हो चुके लैंप्स की होगी मरम्मत….
दुग्ध उत्पादन और मत्स्य पालन को लेकर एक्शन प्लान बनायें, पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए मॉडल फार्म स्थापित करें। साथ ही राज्य भर के जर्जर हो चुके लैंप्स और पैक्स भवन की मरम्मत करायें, कोल्ड स्टोरेज के लिए एप्रोच रोड भी बनाये जायेगे।

70 प्रतिशत लोग है कृषि पर आश्रित ….
सुखाड़ के मुद्दे पर ही बैठक के तुरंत बाद मीडिया से बात करते हुए सीएम ने कहा कि पिछली बार भी सुखाड़ पड़ा था। केंद्र से 9638 करोड़ रुपये की मांग राहत के लिए की गयी थी, लेकिन नहीं दिया गया। केंद्र कई राज्यों के साथ भेदभाव करता है। यह संघीय ढांचे के परिभाषा के विपरीत है। सीएम ने कहा कि झारखंड के 70 प्रतिशत लोग कृषि पर आश्रित है। इस बार भी मौसम की आंख-मिचौली हो रही है। हमारी पूरी नजर इस पर है। विभाग को इस चुनौती से निबटने के लिए तैयार रहने का निर्देश दिया गया है।