रिम्स में दो माह बाद कोरोना के दो मरीज भर्ती..

देश के पांच राज्यों में कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर केंद्र ने जहां चिंता जाहिर करते हुए निगरानी बढ़ाने का निर्देश दिए हैं। वहीं, राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स के ट्रॉमा सेंटर में भी दो माह बाद कोरोना के भर्ती मरीजों की संख्या दो हो गयी है। रिम्स के क्रिटिकल केयर इंचार्ज प्रो. डॉ प्रदीप कुमार भट्टाचार्य ने कहा कि लगभग दो माह बाद ट्रॉमा सेंटर में दो मरीज भर्ती हुए हैं। दोनों मरीज ऑक्सीजन पर हैं, लेकिन स्थिति ठीक है। उन्होंने बताया कि मंगलवार को भर्ती मरीज 32 वर्षीय अजीत कुमार दास फुसरो बोकारो का है। उसके शरीर में दर्द था और सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। जिसके बाद उसे रिम्स में भर्ती कराया गया। हालांकि इस मरीज ने अपनी हिस्ट्री नहीं बतायी है कि वह राज्य से बाहर भी कहीं गया था या नहीं। वहीं दूसरी महिला मरीज 45 वर्षीय चमोली देवी राजधनवार, गिरिडीह की रहने वाली है।

मुंबई से लौटा है महिला मरीज का बेटा..
गिरिडीह की रहने वाली कोरोना मरीज के पुत्र जगेश्वर ने बताया कि वह लगभग एक माह पहले मुंबई से लौटा है। वहां वह ऑटो चलाता है। मुंबई से लौटने के बाद गांव में ही उसकी मां की तबीयत खराब हुई थी। उसे खांसी के साथ-साथ सांस लेने में परेशानी हो रही थी। एक अप्रैल को उसे रिम्स लाया गया। रिम्स इमरजेंसी में रखने के बाद उसे मेडिसिन में भर्ती किया गया। मेडिसिन में 4 अप्रैल को ट्रूनेट टेस्ट में महिला पॉजिटिव पाई गयी। जिसके बाद 7 अप्रैल को उसे रिम्स के ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया। फिलहाल महिला की तबीयत ठीक है। उसे ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया है। सांस लेने में तकलीफ हो रही है।

सख्त मॉनिटरिंग की जरूरत: डॉ भट्टाचार्य
रिम्स के क्रिटिकल केयर इंचार्ज डॉ भट्टाचार्य ने कहा कि काफी दिनों बाद रिम्स में कोरोना के दो मरीज भर्ती हुए हैं। हालांकि इसे चौथी लहर की दस्तक नहीं कहा जा सकता है, मरीजों की संख्या घटती-बढ़ती रहती है। लेकिन सावधान रहने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि अन्य राज्यों में कोरोना के मरीज बढ़ने लगे हैं। ऐसे में झारखंड में भी निगरानी तेज करने के साथ-साथ सख्त मॉनीटरिंग जरूरी है। वहीं, लोगों को भी लापरवाही से बचनी चाहिए। कोविड एप्रोप्रिएट बिहैवियर का अनुपालन जरूरी है। घर से बाहर निकलें तो मास्क जरूर लगाएं।