झारखंड के कॉलेजों में जल्द होंगे प्रिंसिपल के खाली पद पर नियुक्ति, उच्च शिक्षा विभाग ने मांगा प्रस्ताव..

रांची : राज्य सरकार ने प्राचार्य की नियुक्ति का रास्ता अब साफ कर दिया है। दरअसल झारखंड के विभिन्न विश्वविद्यालयों के साथ रांची विश्वविद्यालयों के अंगीभुत कॉलेजों में स्थाई प्राचार्य की संख्या बहुत कम है। रांची विश्वविद्यालय के अंतर्गत 14 अंगीभूत कॉलेज है। लेकिन मात्र 3 कॉलेजों में ही स्थाई रूप से प्राचार्य काम कर रहे हैं। जिसको लेकर अब इस समस्या को दूर करने के लिए राज्य सरकार ने प्राचार्य की नियुक्ति का रास्ता साफ कर दिया है।

रांची विश्वविद्यालय समेत झारखंड के सभी विश्वविद्यालयों में कॉलेज प्राचार्य की कमी से जूझ रहे हैं। रांची यूनिवर्सिटी के 14 कॉलेजों में से मात्र 3 कॉलेजों में स्थाई रूप से प्राचार्य काम कर रहे हैं।बाकी सब कॉलेजों में प्रभार पर प्राचार्यों की नियुक्ति विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से की गई है। रांची यूनिवर्सिटी के वी॰सी॰ प्रोफेसर कामिनी कुमार का कहना है कि JPSC की ओर से इस मामले में पहल की जाएगी। तब ही स्थाई प्राचार्य की नियुक्ति कॉलेज में हो सकेगी। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि JPSC की ओर से प्रोन्नति प्रक्रिया भी शुरू की जा रही है। ऐसे में जल्दी ही प्राचार्यों के खाली पद भरने की संभावना है।

राज्य के 63 अंगीभूत कॉलेजों में मात्र 19 स्थाई प्राचार्य हैं। इन कॉलेजों में किसी तरह प्रोफेसर इंचार्ज से काम चलाया जा रहा है। जबकि यूजीसी के नियम के अनुसार ऑटोनोमस कॉलेजों में प्राचार्य की नियुक्ति जरूरी है और इस नियम का झारखंड में उल्लंघन हो रहा है। कई सालों से ना तो नियुक्ति हो रही है ना ही शिक्षकों को प्रोन्नति दी जा रही है। इसी वजह से स्थाई प्राचार्य की भारी कमी राज्य के विश्वविद्यालयों में हो गई है।खाली पद को लेकर छात्रों में भी नाराजगी है। प्राचार्य की कमी होने के कारण छात्रों को लेकर कई ऐसे महत्वपूर्ण फैसले भी लटक जाते हैं।जिसका खामियाजा सीधे तौर पर छात्रों को भुगतना पड़ता है। छात्रों ने सरकार से जल्द से जल्द इस ओर ध्यान देते हुए स्थाई प्राचार्य की नियुक्ति की मांग की है।