महानगरों से शुरू हो गया है पलायन लेकिन हटिया रेलवे स्टेशन पर नहीं है पूरी तैयारी..

शुक्रवार को हटिया रेलवे स्टेशन से चिंता बढ़ाने वाली तस्वीर सामने आई है। रांची जिले में रोजाना हजार से ऊपर कोरोना केस आ रहे हैं ऐसे में शुक्रवार को जब मुंबई से हटिया ट्रेन पहुंची तो वहां हालात बेकाबू हो गए।

दरअसल, देश के सर्वाधिक प्रभावित इलाकों से एक बार फिर पलायन शुरू हो गया है। इसी को देखते हुए रेलवे बोर्ड ने सूरत, मुंबई और अन्य इलाकों से स्पेशल ट्रेनों का परिचालन शुरू किया है ताकि श्रमिकों को पिछली बार की तरह घर वापसी में कोई दिक्कत नहीं हो। मुंबई से रांची वापस लौटने वाले श्रमिकों की संख्या को देखते हुए दो सुपरफास्ट स्पेशल ट्रेनें चलाई गई है। इनमें से एक 01127 लोकमान्य तिलक टर्मिनस –हटिया सुपरफास्ट कल 1041 यात्रियों को लेकर हटिया पहुंची थी और इनमें से 41 यात्री कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे।

शुक्रवार को मुंबई से दूसरी ट्रेन 01167 लोकमान्य़ तिलक टर्मिनस से दोपहर करीब सवा तीन बजे हटिय़ा स्टेशन पहुंची। हजारों की तादाद में यात्री ट्रेन से उतरे लेकिन स्टेशन पर इंतजाम काफी नहीं थे।

हालांकि ट्रेन पहुंचने के पहले प्रशासन की ओर से बड़े – बड़े दावे किए गए थे। ट्रेन से उतरने वाले एक एक यात्री की कोरोना जांच होनी थी, बाकायदा पॉजिटिव आने वाले मरीजों को बस में बैठाकर क्वारिंटाइन सेंटर भेजा जाना था और नेगेटिव रिपोर्ट वाले यात्रियों को घर भेज दिया जाता। लेकिन थोड़ी ही देर में प्रशासन के दावों की हकीकत सामने आ गई।

24 घंटे से ऊपर का सफर तय कर रांची पहुंचे यात्रियों को घंटों कोरोना जांच के इंतजार में बैठे रहना पड़ा। यात्रियों के अनुपात में टेस्ट की सुविधा पूरी थी ही नहीं जिसकी वजह से काफी समय लग रहा था। अपनी बारी के इंतजार में गर्मी में भूखे प्यासे बैठे छोटे बच्चे, महिलाएं सब परेशान हो रहे थे और आखिरकार यात्रियों के सब्र का बांध टूट गया। और उसके बाद जो हुआ उससे कोरोना विस्फोट के खतरे को नजरअंदाज भी नहीं किया जा सकता है।

यात्री तमाम बैरिकेडिंग वगैरह तोड़ते हुए धक्का-मुक्की करते हुए स्टेशन से निकल गए। वहां खड़ी पुलिस भी कुछ नहीं कर पाई। पुलिस ने शुरूआत में हल्का बल का प्रयास कर भीड़ को नियंत्रित करने की कोशिश की लेकिन वो भी काम नहीं आया।

हालांकि इस घटना के बाद शाम करीब 5.30 बजे ट्रेन संख्या 09081 सूरत-हटिया सुपरफास्ट स्पेशल ट्रेन भी हटिया स्टेशन पहुंची। पिछली बार की भूल न दोहराते हुए इस ट्रेन से एक एक बोगी कर यात्रियों को उतारा गया। सभी यात्रियों की जांच शुरू की गई, और खबर लिखे जाने तक जांच अब भी चल रही है। यानी कि इंतजाम अब भी पूरे नहीं है।

जो कुछ भी हटिय़ा रेलवे स्टेशन पर हुआ उससे रांची रेलवे और जिला प्रशासन पर कई सवाल उठते हैं। प्रशासन को खबर थी कि इतने भारी संख्या में यात्री उतरने वाले हैं तो ऐसे में व्य़ापक इंतजाम क्यों नहीं किए गए? पिछली बार की तरह स्टेशन पर यात्रियों के लिए बैठने, इंतजार के दौरान पानी तक के इंतजाम क्यों नहीं किए गए। ये जानकारी होते हुए भी कि इस बार ये स्ट्रेन वायरस या म्यूटेंट वायरस है जो दोगुने रफ्तार से बढ़ता है तो ऐसे में कोरोना जांच के लिए दोगुने इंतजाम क्यों नहीं किए गए।

ये यात्री सर्वाधिक प्रभावित क्षेत्र से आए थे और झारखंड के अलग-अलग जिलों में गए हैं, ऐसे में ये लापरवाही कितनी बड़ी चूक हो सकती है, ये बहुत बड़ा चिंता का विषय है। अगर रेलवे और रांची जिला प्रशासन ने आगे के लिए पुख्ता इंतजाम नहीं किया तो झारखंड का महाराष्ट्र जैसी स्थिति होने में समय नहीं लगेगा।