सरकारी शराब ठेकों पर अवैध वसूली पर उत्पाद विभाग ने लगाया लगाम, ओवररेट बंद..

रांची सहित राज्य के सभी जिलों में पिछले एक साल से शराब पर एमआरपी से अधिक कीमत की वसूली जारी थी। एमआरपी से अधिक कीमत का विरोध किए तो मारपीट तक हो जाती थी, चाहे वह कोई भी क्यों न हो। लेकिन अब झारखंड में शराब दुकान में ओवररेट पर रोक लगाने के लिए विभाग ने जरुरी निर्देश जारी किया है। उत्पाद आयुक्त ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा है ओवररेट मांगे जाने पर हेल्पलान पर कॉल करके शिकायत दर्ज करें। ओवररेट लेने वालों पर कार्रवाई की जाएगी। एक अनुमान के मुताबिक शराब कारोबारी हर महीने अवैध वसूली से 100 करोड़ रुपए कमा लेते थे जिसपर अब लगभग रोक लग गयी है।

सेल्समैन 500 प्रतिदिन का कमाते हैं..
दुमका से लेकर पलामू तक झारखंड के किसी भी शराब दुकान में ओवररेट अवैध का धंधा चल रहा था, जिले में हर बोतल पर प्रिंट रेट से ज्यादा मांगा जाता था विरोध करने पर शराब नहीं दिए जाने की धमकी दी जाती थी मजबूरन ग्रहकों को रेट से ज्यादा पैसा देना पड़ता था, जिससे करीब मासिक करीब शराब कारोबारी 100 करोड़ की अवैध वसूली कर लेते थे, छोटे दुकान का हर सेल्समैन करीब शाम तक 500 तक बचा लेता था वहीं बड़े दुकानदार में यह खेल 10 हजार तक पहुंच जाता था।

53 दिन में 96 मुकदमे हुए दर्ज..
उत्पाद विभाग के सख्ती के बाद बोकारो में 53 दिनों में 96 मुकदमे दर्ज हुए हैं, वहीं ओवररेटिंग कर रहे 42 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। जुर्माने के तौर पर करीब 2.90 लाख की वसूली विभाग ने की है।