झारखंड में दिव्यांगजनों को सशक्त करने के लिए एक नयी पहल शुरू हुई है | राज्य नि:शक्तता आयुक्त के स्तर से अब दिव्यांगों की मदद के लिये दिव्यांगजन शिकायत निवारण समिति का गठन किया जायेगा |आपको बता दें कि दिव्यांगों को किसी तरह का सर्टिफिकेट बनाने, शैक्षणिक संस्थानों और रोजगार में आरक्षण, गरीबी उन्मूलन के कार्यक्रमों में आरक्षण सहित दूसरे कई कार्यों को करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है | जिससे उन्हें समय पर अपेक्षित लाभ नहीं मिल पाता है | ऐसे में राज्य नि:शक्तता आयुक्त सतीश चंद्र ने इस दिशा में पहल करते हुए दिव्यांगजन शिकायत निवारण समिति के गठन का प्रस्ताव तैयार किया है | शिकायत समिति का गठन हर जिले में होना है और इसकी ज़िम्मेदारी समाज कल्याण पदाधिकारी को दी गयी है |
आपको बता दें कि राज्य नि:शक्तता आयुक्त के अनुसार शिकायत निवारण समिति में पांच अलग-अलग कोटि के दिव्यांगों को इसमें शामिल किया जाना है | इनमें दृष्टि बाधित, श्रवणबाधित, गतिजनित , बौद्धिक दिव्यांग और दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 में उल्लेखित अन्य कोटि के दिव्यांगजन अथवा उनके प्रतिनिधि को शामिल किया जा सकता है | इसके अलावा इस शिकायत निवारण समिति में दिव्यांगों के हित में काम कर रहे सामाजिक कार्यकर्ता या विशेष शिक्षक से स्वैच्छिक सेवा ली जा सकती है |साथ ही , जिला समाज कल्याण पदाधिकारियों को दिव्यांगजन शिकायत निवारण समिति को तैयार करके 1 मार्च, 2021 तक नि:शक्तता आयुक्त कार्यालय को उपलब्ध कराने को आदेश दिया गया है |
जानकारी के अनुसार ,दिव्यांगों से जुड़ी समस्याओं के निदान के लिए नि:शक्तता आयुक्त कार्यालय द्वारा लगातार चलंत न्यायालय सह जागरूकता शिविर का भी आयोजन किया जा रहा है | इसके जरिये जिला से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में दिव्यांग अधिकार अधिनियम 2016 के बारे में जरूरतमंदों को जागरूक किया जाता है |