Jharkhand Assembly: नमाज कक्ष मामले में सर्वदलीय समिति का गठन..

झारखंड विधानसभा में नमाज के लिए कमरा आवंटित करने के मामले में गरमायी राजनीति में अब फिलहाल विराम लग सकता है. स्पीकर रवींद्रनाथ महतो ने 7 सदस्यीय कमेटी गठित करने पर अपनी सहमति दे दी है. कमेटी की रिपोर्ट के बाद ही निर्णय लिया जायेगा कि विधानसभा परिसर में नमाज के लिए अलग से कमरा आवंटित होगा या नहीं. गांडेय से JMM विधायक डॉ सरफराज अहमद ने राज्य में धार्मिक सौहार्द बना रहे है, इसको लेकर स्पीकर से एक कमेटी बनाने की मांग की थी. विधायक श्री अहमद के सुझाव पर विधायक प्रदीप यादव और बंधु तिर्की का भी समर्थन मिला. इसी के आधार पर स्पीकर ने 7 सदस्यीय कमेटी बनाने पर सहमति दे दी है. यह समिति एक समय सीमा के अंदर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी. उसके बाद ही यह तय किया जायेगा कि विधानसभा परिसर में नमाज के लिए कमरा आवंटित होगा या नहीं.

बता दें कि मानसून सत्र शुरू होते ही राज्य सरकार के इस फैसले का विपक्ष ने विरोध किया. विरोध सदन से सड़क तक पहुंचा. बुधवार को भाजपा का विधानसभा घेराव कार्यक्रम आयोजित हुआ. हजारों की संख्या में भाजपा कार्यकर्ता झारखंड विधानसभा कूच किये. इस दौरान पुलिस के साथ झड़प हुई. वाटर कैनन के साथ लाठी चार्ज हुए. कई कार्यकर्ताओं को चोटें भी आयी.

सदन में भाजपा विधायकों ने लाठी चार्ज की निंदा की. वहीं, गुरुवार को भाजपा विधायक काला पट्टा पहनकर सदन में पहुंचे. इसके अलावा भाजपा विधायक नियोजन नीति रद्द की मांग को लेकर भी विरोध प्रदर्शन किया. JMM विधायक डॉ सरफराज अहमद ने सदन में कहा कि पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी की परंपरा को आगे बढ़ाया जा रहा है. फिर भाजपा को आपत्ति क्यों. उन्होंने कहा कि सरकार गठन के समय जब बाबूलाल मरांडी राज्य के सीएम थे, तो उन्होंने विधानसभा में नमाज पढ़ने के लिए कमरा आवंटित कराया था.

इस पर भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने पलटवार करते हुए JMM विधायक डॉ सरफराज अहमद को सही जानकारी प्राप्त करने की बात कही. उन्होंने कहा कि बिना जानकारी के यह कहना है कि विधानसभा में नमाज पढ़ने के लिए कमरा आवंटित झारखंड निर्माण के समय से हो रही है, यह सही नहीं है. श्री मरांडी ने साफ किया कि उनके मुख्यमंत्रीकाल में ऐसे किसी कक्ष का आवंटन नहीं किया गया था.

इधर, मॉनसून सत्र के आखिरी दिन सदन में 4 विधेयक पास हुआ. इसमें झारखंड राज्य खुला विश्वविद्यालय विधेयक 2021, झारखंड पंचायत राज (संशोधन) विधेयक 2021, झारखंड राजकोषीय उत्तरदायित्व एवं बजट प्रबंधन (संशोधन विधेयक) 2021 और झारखंड वित्त विधेयक 2021 पास हुआ.