देवघर के त्रिकुट पर्वत पर नए सिरे से रोपवे का होगा पुनर्निर्माण..

Jharkhand: देवघर स्थित त्रिकुट पर्वत में 10 अप्रैल, 2022 को रोपवे टूटने से हुए हादसे में 48 लोग 24 घंटे से ज्यादा देर तक ट्रालियों में फंसे रहे, जबकि तीन लोगों की मौत हो गई। जिसके कारण त्रिकुट पर्वत पर रोपवे का पुनर्निर्माण नए सिरे से होगा। डीपीआर तैयार कर रोपवे का निर्माण किया जाएगा। पर्यटन, कला-संस्कृति एवं खेलकूद विभाग के अंतर्गत कार्यरत झारखंड पर्यटन विकास निगम लिमिटेड ने इसे लेकर विशेषज्ञ एजेंसी के चयन प्रक्रिया शुरू कर दी है।

तकनीकी त्रुटियों को भी ध्यान में रखते हुए करेगें काम…
हादसे की जांच को लेकर डीपीआर का निर्माण गठित उच्चस्तरीय समिति द्वारा की गई। डीपीआर तथा टेंडर प्रस्ताव तैयार करने से लेकर इसके संचालन की निगरानी की जिम्मेदारी विशेषज्ञ एजेंसी को दी जाएगी। अनुशंसा के आलोक में किया जाएगा। साथ ही पूर्व की तकनीकी त्रुटियों को भी ध्यान में रखते हुए सारे कार्य किए जाएंगे।

रोपवे के निर्माण के लिए देना होगा फिटनेस प्रमाणपत्र…
बिहार में लागू बीआईएस मानकों तथा ओडिशा रोपवे अधिनियम, 1924 के प्रविधानों तथा उच्चस्तरीय जांच कमेटी की रिपोर्ट को लागू करने को लेकर रोपवे के लिए डीपीआर का निर्माण राज्य सरकार के दिशानिर्देशों का पालन करते हुए किया जाएगा। चयनित विशेषज्ञ एजेंसी गुणवत्ता को ध्यान रखते हुए रोपवे के निर्माण दिए गए निर्धारित अवधि के अंदर कार्य संपन्न कराएगी। जेटीडीसी द्वारा रोपवे के संचालन शुरू करने से पहले फिटनेस प्रमाणपत्र देने भी अनिवार्य है। साथ ही हर अगले पांच-पांच वर्ष में रोपवे का वार्षिक फिटनेस प्रमाणपत्र दिया जाएगा।

रोपवे टूटने से तीन लोगों की गई थी जान…
रोपवे तार टूटने की वजह से ट्रॉलियां ऊंची पहाड़ी पर लटक गईं, जिसमें 48 लोग 24 घंटे से ज्यादा देर तक ट्रालियों में फंसे रहे। सेना, एनडीआरएफ और अन्य बचाव दल की रेस्क्यू कर बाकी लोगों को बचाया गया। मामले की जांच के लिए उच्चस्तरीय समिति गठित की गई थी, जिसमें वित्त सचिव अजय कुमार सिंह, आपदा प्रबंधन सचिव अमिताभ कौशल तथा अन्य तकनीकी सदस्य सम्मिलित थे। जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि शाफ्ट के स्टील में हाइड्रोजन बबल बने के कारण रोपवे में लगा रिटर्न शाफ्ट टूटने गया जिसे से यह हादसा हुआ।

हाइड्रोजन की मात्रा अधिक होने से टूटा शाफ्ट के स्टील …
शाफ्ट के स्टील में हाइड्रोजन की मात्रा 5.62 पीपीएम पाई गई थी जब कि पीपीएम की मात्रा दो से तीन होनी चाहिए, पीपीएम की मात्रा 85 प्रतिशत से अधिक होने के कारण शाफ्ट में दरारें बनीं साथ ही रोपवे के बेयरिंग में ग्रीस कि मात्रा भी कम होने के कारण घर्षण अधिक पैदा हुआ और शाफ्ट टूटा।

संचालन करने वाली एजेंसी पर लगाया जुर्माना…
रोपवे टूटने के बाद जांच रिपोर्ट के आधार पर रोपवे का संचालन करने वाली एजेंसी पर नौ करोड़ रुपये जुर्माना लगाने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। प्रस्ताव के अनुसार, इसमें मिले गए जुर्माना से पांच करोड़ रुपये रोपवे के निर्माण पर खर्च होंगे, जबकि तीन करोड़ इसके संचालन में खर्च किया जाएगा।