
डर से बाहर निकाल कर, विकास योजनाओं से जुड़ रहे हैं कुंदा प्रखंड के लोग..
Chatra एक दशक पूर्व तक कुंदा प्रखंड में गोलियों की आवाज दिन दहाड़े सुनायी देती थी। दहशत का यह कोहराम दिन में भी ठहरने का नाम नहीं लेता था। अंधाधुन एक के बाद एक गोलियों की आवाज से आसपास के लोग खोफ में रहते थे। कई लोग नक्सलियों के डर से पलायन कर गये थे।…