स्टेप बाई स्टेप प्रक्रिया है पूरी, फिर भी 5 साल से टीजीटी अभ्यार्थियों की ज्वाइनिंग अधूरी..

रांची : झारखंड में युवाओं को सरकारी नौकरी मिलना मुश्किल होता दिख रहा है। किसी नौकरी के लिए अगर आवेदन निकलते भी है तो प्रतियोगिता परीक्षा पर विवादों के बादल मंडराते दिखते हैं। ऐसे में युवाओं के लिए मुश्किल बढ़ने लगी है। बीते पांच साल से ज्वाइनिंग के इंतजार में बैठे टीजीटी अभ्यर्थियों का अब सब्र टूटने लगा है । जिसके बाद अब इन अभ्यर्थियों को आंदोलन का रास्ता चुनना पड़ा है। झारखंड में टीजीटी अभ्यर्थीयों की ज्वाइनिंग लगभग पांच साल से लटकी हुई है। राज्य सरकार के तरफ से इसपर कोई अब तक बड़ा फैसला भी नहीं लिया गया है। साल 2017 में आयोजित परीक्षा में पास होने वाले उम्‍मीदवारों को अब तक नौकरी पर नहीं बुलाया गया है। उच्चतम न्यायालय के आदेश के बावजूद नियुक्‍त‍ि प्रक्र‍िया पूरी नहीं की गई है।

बता दें कि झारखंड के टीजीटी सफल अभ्यार्थियों ने नियुक्ति को लेकर पिछले दिनों प्रोजेक्ट भवन और मंत्री मिथिलेश ठाकुर के आवास के बाहर विरोध प्रदर्शन किया था। अभ्यार्थियों ने अपनी मांगों को लेकर मुख्य सचिव और मंत्री से मिलने भी पहुंचे थे। अभ्यार्थियों का पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल मुख्य सचिव सुखदेव सिंह से मुलाकात की। मुख्य सचिव ने प्रतिनिधिमंडल को बताया है कि उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद सफल अभ्यार्थियों को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, कार्मिक सचिव सहित शिक्षा सचिव से मिलना चाहिए। मुलाकात के दौरान मुख्य सचिव ने अभ्यार्थियों को आश्वासन दिया है कि उनके साथ राज्य सरकार सकारात्मक रुख अपनाएगी।

अभ्यार्थियों का कहना है कि 2017 में इन्होंने परीक्षा दी। साल 2019 में परिणाम आया और सितंबर 2019 से प्रमाणपत्र सत्यापन की प्रक्रिया शुरू हुई। दिसंबर तक इसके आधार पर मेरिट लिस्ट भी बना कर शिक्षा विभाग को भेज दिया गया। बावजूद इसके अभी तक नियुक्ति प्रक्रिया को पूरा करने में देरी की जा रही है। अभ्यार्थियों का कहना है कि वे इस नौकरी के इंतजार में अब सड़क पर आ गए हैं।

दरअसल, मामला ये है कि साल 2016 में झारखंड के शिक्षा विभाग की तरफ से हाई स्कूल के शिक्षकों की नियुक्ति के लिए विज्ञापन जारी किया गया था। इसे दो वर्गों में बांटा गया था। पहला अधिसूचित जिला और दूसरा गैर अधिसूचित जिला। जिसके बाद इसका विवाद न्यायालय में चला गया था। इसके कारण अधिसूचित जिले में तो नियुक्ति प्रक्रिया पूरी हो गई, लेकिन गैर अधिसूचित जिले में नियुक्ति के मामले में देरी हो गई है। हालांकि अब सभी का समाधान निकाल लिया गया है। इन अभ्यार्थियों की मेरिट लिस्ट भी तैयार कर ली गई है। लेकिन अब तक इन्‍हें नौकरी नहीं दी गई है।