दुमका में बना झारखंड का सबसे बड़ा पुल..

झारखंड के मयूराक्षी नदी पर 198.11 करोड़ रुपये की लागत से शाज (स्टेट हाइवे अथॉरिटी ऑफ झारखंड) द्वारा राज्य के सबसे लंबे पुल का निर्माण किया गया है। मयूराक्षी नदी पर बना यह पुल दुमका सदर प्रखंड के कुमड़ाबाद व मसलिया प्रखंड के मकरमपुर को जोड़ता है। 5 साल से भी कम समय में पुल का निर्माण किया गया है। साल 2018 में इस पुल की आधारशिला रखी गयी थी।

डैम से डूब गया था गांव….
मकरमपुर सहित आस पास के कई गांव ऐसे है, जो पहले दुमका शहर से सटे थे यानी नदी आवागमन में बाधक नहीं थी। लेकिन जब मसानजोर डैम बनकर तैयार हुआ तो उसके बाद बीच का इलाका बहुत बुरी तरह डूब गया, डैम के डूब क्षेत्र के उसे पर मकरमपुर की आधी आबादी रह गयी। जिसके कारण उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। अब मयूराक्षी नदी पर पुल बन जाने से ऐसे मसानजोर विस्थापित खत्म हो गई है। अब लोग पुल पार करके अपने सगे-संबंधियों से मिलने जा सकते है। अब आने-जाने समय उन्हें किसी भी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा।

दुमका आने के लिए उठानी पड़ती थी परेशानी….
पल के निर्माण होने के बाद जिले की एक बड़ी आबादी दुमका शहर के नजदीक आ गयी है। मकरमपुर से दुमका जिला मुख्यालय की दूरी 30 किलोमीटर से भी अधिक थी लेकिन अब पुल बनने के बाद यह दूरी घटकर मात्र 15 किलोमीटर की रह गई है। मसलिया प्रखंड के कोलारकोंदा पंचायत के मकरमपुर समेत दर्जनों गांव के ग्रामीणों को दुमका शहर आने के लिए काफी घुमकर आना पड़ता था, लेकिन अब दुमका पहुंचने के लिए लोग सीधे मकरमपुर से कुमड़ाबाद का रास्ता अपना रहे है।

बना है 198.11 करोड़ रुपये की लागत से…..
दुमका के मयूराक्षी नदी पर निर्मित कुल 2.800 किलोमीटर लंबा और 16 मीटर चौड़ाई है यह पुल 198.11 करोड़ रुपये की लागत से शाज (स्टेट हाइवे अथॉरिटी ऑफ झारखंड) द्वारा निर्माण राज्य का सबसे लंबा पुल है। सात स्पैन के बीच पुल को 30 मीटर चौड़ा किया गया है, जो सेल्फी प्वाइंट से लेकर पार्किंग जोन भी साबित होगा।