31 दिसंबर को सांकेतिक रूप से बंद रहेगी झारखंड की 20 हजार कपड़े की दुकानें..

प्रदेश के कपड़ा व्यापारी 31 दिसंबर को सांकेतिक हड़ताल पर रहेंगे। इस दौरान दोपहर 12 बजे तक वे अपनी दुकानें बंद रखेंगे। इसमें होजरी, रेडीमेड, वस्त्र व्यवसाय से जुड़े सभी रिटेलर होलसेलर के लगभग 20 हजार प्रतिष्ठान बंद रखेंगे। वहीं, दोपहर 12 बजे के बाद पूरे दिन वस्त्र व्यवसायी प्रतिष्ठान के सहयोगी व कर्मचारी काला बिल्ला लगाकर व्यापार करेंगे। इसके बाद संघ के पदाधिकारी विरोध पत्र आवेदन के साथ राज्य के वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव से मिलेंगे और केंद्र सरकार द्वारा थोपे जा रहे जीएसटी की बढ़ी दरों पर चर्चा कर उनसे भी आग्रह करेंगे। बता दें कि केंद्र सरकार द्वारा कपड़े पर जनवरी माह से जीएसटी की दर 5 से बढ़ाकर 12 फीसदी किए जाने के निर्णय का विरोध में यह सांकेतिक हड़ताल बुलाई गई है।

गौरतलब है की इसको लेकर पिछले दिनों झारखंड सहित राज्य के सभी वस्त्र व्यवसायी और प्रतिष्ठानों में कार्यरत सहयोगियों और कर्मचारियों ने मिलकर प्रधानमंत्री को पोस्टकार्ड भी भेजकर कपड़े पर जीएसटी की प्रस्तावित बढ़ोतरी पर पुर्नविचार का आग्रह किया है। इधर आज पत्रकारों से बात करते हुए झारखंड थोक वस्त्र विक्रेता संघ के सदस्यों ने कहा कि पहले भी कपडे पर जीएसटी नहीं था। केंद्र सरकार व्यापारियों के विरोध के बाद भी इसे 5 फीसदी जीएसटी के दायरे में ला दिया। इसकी दर में 7 फीसदी की अतिरिक्त बढ़ोतरी की गयी, जिसका सीधा असर गरीब जनता पर पड़ेगा। सदस्यों ने कहा कि वित्त मंत्रालय के इस निर्णय का संघ विरोध करता है।

प्रदेश के कपड़ा व्यापारियों ने रोष जताते हुए कहा कि केंद्र सरकार व्यापारियों की नहीं सुनती, जबकि सरकार को हर तरह से मदद और सहयोग करने में हमेशा व्यापारियों ने सक्रिय भूमिका निभायी है। कपडे पर जीएसटी को 5 फीसदी से बढ़ाकर 12 फीसदी किये जाने का वस्त्र व्यवसायी, रेडीमेड, होजियरी दुकानदारों का विरोध रहेगा।

मौके पर संघ के अध्यक्ष प्रकाश अरोड़ा के अलावा उपाध्यक्ष उमाशंकर कनोडिया, कोषाध्यक्ष महेश बजाज, मीडिया प्रभारी प्रमोद सारस्वत, पूर्व अध्यक्ष प्रवीण लोहिया, अजय बथवाल, अनिल जालान सहित खुदरा वस्त्र विक्रेता संघ के अध्यक्ष रतन कुमार मोदी, रेडीमेड होजरी संघ के अध्यक्ष महावीर प्रसाद सोमानी, पूर्व सचिव विक्रम खेतावत, ओमप्रकाश खेतावत, मनमोहन मोहता, विक्रम जैन और राजेश कनोई उपस्थित थे।