झारखंड पुलिस ने क्राउड फंडिंग कर अपने एक ASI को दिया नया जीवन..

झारखंड पुलिस ने अपने एक ASI को नया जीवन दिया है। कोरोना काल में ड्यूटी करते हुए संक्रमित हुए ASI रजनीकांत के दोनों लंग्स ने काम करना बंद कर दिया था। रांची, पटना, दिल्ली हर जगह इलाज कराने के बाद भी वे स्वस्थ नहीं हो पा रहे थे। तब उन्हें सलाह दी गई कि लंग्स ट्रांसप्लांट कराना होगा। लंग्स ट्रांसप्लांट का बजट 60 लाख रुपए आ रहा था। एक ASI के परिवार के लिए ये बड़ी रकम थी। उस दौरान भी विभाग उनके साथ खड़ा रहा। विभागीय मदद के अलावा उनके सहयोगियों ने उनके लिए क्राउंड फंडिंग कर पैसा जुटाया। एक साल से इलाजरत रजनीकांत के 13 अक्टूबर को सिकंदराबाद के कीम्स में दोनों लंग्स ट्रांसप्लांट किए गए। अब वह पूरी तरह स्वस्थ हैं।

31 जुलाई 2020 को हुए थे पहली बार संक्रमित
रजनीकांत कहते हैं कि पहली बार 31 जुलाई 2020 को ड्यूटी के दौरान संक्रमित हुए थे। 8 अगस्त को निगेटिव होने के बाद दोबारा ड्यूटी पर लौट आए थे। 23 अगस्त को कोरोना ने दोबारा गिरफ्त में ले लिया। 3 सितंबर को निगेटिव तो हो गए, लेकिन पूरी तरह स्वस्थ नहीं हो पाए। इसके बाद 4 महीने तक एम्स पटना में उनका चला। फिर एम्स दिल्ली भी गए।

रांची के सबसे बड़े क्वारेंटाइन सेंटर में थे तैनात
कोरोना काल के दौरान PCR में तैनात रजनीकांत को रांची के सबसे बड़े क्वारेंटाइन सेंटर खेलगांव में तैनात किया गया था। यहीं लोगों की सेवा के दौरान वे संक्रमित हो गए थे। उन्हें पहले पुलिस के लिए बनाए गए जगन्नाथपुर क्वारेंटाइन सेंटर में रखा गया था।

रजनीकांत ने कहा- डिपार्टमेंट का रहूंगा शुक्रगुजार
रजनीकांत कहते हैं कि संक्रमित होने से लेकर लंग्स ट्रांसप्लांट तक की प्रक्रिया आसान नहीं थी। पहले सुविधा के लिए मुख्यालय से रांची से टाटा ट्रांसफर किया गया। जब आर्थिक सहयोग की जरूरत पड़ी तब विभाग से भरपुर मदद मिली। इस दौरान परिजनों का भी खूब सहयोग मिला।