झारखंड हाई कोर्ट ने दिया आदेश, राँची के ब्रह्म मंदिर को केंद्र घोषित करे राष्ट्रीय धरोहर..

Jharkhand: झारखंड हाई कोर्ट ने एक जनहित याचिका पर फैसला सुनाते हुए यह निर्देश दिया कि जल्द से जल्द रांची के टैगोर हिल पर स्थित ब्रह्म मंदिर को केंद्र राष्ट्रीय धरोहर घोषित करें और साथ ही इसके संरक्षण के लिए हाईकोर्ट ने भारतीय पुरातत्व विभाग को तीन माह में निर्णय लेने का निर्देश दिया है।

सरकार का दायित्व है सुव्यवस्थित हो टाइगर हिल…
बता दें कि हाईकोर्ट ने 31 जुलाई को सुनवाई पूरी करने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। और साथ ही राज्य सरकार को टैगोर हिल से अतिक्रमण हटाने का निर्देश दिया। भू राजस्व विभाग को एक समिति बनाने का निर्देश देते हुए समिति को टैगौर हिल को उसके मूल स्वरूप में लाने और चहारदीवारी की मापी करने का निर्देश दिया। टैगोर हिल रांची का एक प्रमुख दर्शनीय स्थल होने के कारण सरकार का यह दायित्व बनता है कि वह इसकी सुरक्षा, संरक्षित, सुव्यवस्थित जिम्मेदार हो ।

शौचालय की व्यवस्था को करें सुनिश्चित…
अदालत ने राज्य सरकार को टाइगर हिल पर शौचालय की व्यवस्था को भी सुनिश्चित करें का भी आदेश जारी किया महिला, पुरुष, ट्रांसजेंडर और दिव्यांगों के लिए शौचालय की व्यवस्था करने का निर्देश दिया है। सरकार यह भी सुनिश्चित करें कि जब शौचालय का निर्माण हो उसे समय इस बात का ध्यान रखा जाना चाहिए कि यह धरोहरों के बीच में न आ जाए। सरकार का यह भी दायित्व बनता है कि वह धरोहर की साफ सफाई पूरा ध्यान रखें , पूरे टैगोर हिल को प्लास्टिक मुक्त बनाए, इको फ्रेंडली वातावरण व्यवस्थित करने का निर्देश दिया। पर्यटकों के लिए बैठने और पेयजल की व्यवस्था करने का निर्देश भी अदालत ने दिया।

राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने के लिए छुट रहे है जरूरी मापदंड…
पूर्व की सुनवाई में केंद्र सरकार ने हाईकोर्ट को बताया था कि टैगोर हिल का ब्रह्म मंदिर राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने योग्य नहीं है, राष्ट्रीय धरोहर बनाने के लिए कुछ मापदंड होते हैं, जो ब्रह्म मंदिर पूरा नहीं करता है। वहीं अपर महाधिवक्ता आशुतोष आनंद ने कोर्ट को बताया कि भारतीय पुरातत्व विभाग की मंजूरी के बाद राज्य सरकार ने टैगोर हिल की मरम्मत एवं मेंटेनेंस के लिए 69 लाख 30 हजार रुपए स्वीकृत कर दिया है। केंद्र सरकार की ओर से अधिवक्ता प्रशांत पल्लव ने पैरवी की थी ।

113 साल पुराना है मंदिर…
प्रिजर्वेशन ऑफ ट्राइबल कल्चर एंड नेचुरल ब्यूटी ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी। प्रार्थी के अधिवक्ता शैलेश पोद्दार की ओर से कोर्ट को बताया गया था कि टैगोर हिल के ऊपर स्थित ब्रह्म मंदिर का निर्माण 113 साल पहले गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर के बड़े भाई ज्योतिंद्र नाथ टैगोर के द्वारा किया गया था। आज के समय में यह ब्रह्म मंदिर जर्जर व्यवस्था में पड़ा हुआ है और जगह-जगह से टूट रहा है। राज्य सरकार द्वारा इसके संरक्षण और देखभाल के लिए कोई भी व्यवस्था नहीं की जा रही है। इस ब्रह्म मंदिर का संरक्षण किया जाए और केंद्र सरकार के भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की ओर से इसे राष्ट्रीय धरोहर घोषित किया जाए।