हेमंत सोरेन खदान लीज मामला: रांची DC के हलफनामा दायर करने को लेकर कोर्ट फिर हुआ नाराज..

रांची: झारखंड हाई कोर्ट ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के लीज आवंटन मामले में रांची के उपायुक्त छवि रंजन की ओर से शपथपत्र दाखिल करने पर आज फिर से कड़ी नाराजगी जताई। चीफ जस्टिस डा रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की अदालत ने कहा कि रांची के उपायुक्त स्वयं एक मामले में अभियुक्त हैं। नियमानुसार उन्हें स्वयं के मामले में शपथपत्र दाखिल करने का अधिकार नहीं है, तो वह सरकार की तरफ से कैसे शपथपत्र दाखिल कर सकते हैं। अदालत ने मौखिक रूप से कहा कि सरकार ने बढ़िया अधिकारी को शपथ पत्र दाखिल करने के लिए चुना है। जिनके खिलाफ स्वयं मामला चल रहा है।

अदालत ने संबंधित दस्तावेज मंगाए और कहा कि रांची डीसी पर आपराधिक मामला चल रहा है। वह अग्रिम जमानत पर हैं और उनके खिलाफ एसीबी कोर्ट में मामला लंबित हैं। उनका पासपोर्ट भी निचली अदालत में जमा है। इस तरह के अधिकारी सरकार की ओर से किसी मामले में कैसे शपथपत्र दाखिल कर सकते हैं। अदालत ने रांची डीसी पर लंबित मामलों और किस स्थिति में ऐसा किया गया। इसकी जानकारी कोर्ट में पेश करने का निर्देश दिया है।

हेमंत सोरेन के खदान लीज आवंटन मामले में दाखिल शपथपत्र में उपायुक्त ने कहा है कि सीएम से जुड़े लीज आवंटन के मामले में उन्हें जानकारी है। एक डीसी को सीएम और खान विभाग के बारे में निजी जानकारी कैसे हो सकती है। इस पर महाधिवक्ता ने कहा कि जिस लीज को लेकर मामला उठाया गया है। उसके आवंटन का अधिकार उपायुक्त के पास है। इसलिए उन्होंने अदालत में शपथ पत्र दाखिल किया है।

इस पर अदालत ने कहा कि उन्हें कहना चाहिए था कि दस्तावेज में उपलब्ध जानकारी के अनुसार उक्त बातें कह रहे हैं। लेकिन उन्होंने शपथ पत्र में निजी जानकारी होने की बात कही है। बता दें कि कोडरमा में उपायुक्त रहते हुए छवि रंजन ने निजी उपयोग के लिए मरकच्‍चो डाकबंगला परिसर में बिना अनुमति के 4 पेड़ अपने बॉडीगार्ड को भेजकर कटवा दिए थे। इस मामले में उनके खिलाफ फारेस्ट एक्ट और पीसी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है।

मनरेगा घोटाले में सीबीआइ को प्रतिवादी बनाने पर मांगा जवाब..
खूंटी में हुए मनरेगा घोटाले में सीबीआइ को प्रतिवादी बनाने के लिए प्रार्थी अरुण कुमार दुबे की ओर से झारखंड हाई कोर्ट में हस्तक्षेप याचिका दाखिल की गई। इसमें कहा गया है कि मनरेगा घोटाले को लेकर 16 प्राथमिकी दर्ज की गई है। इसकी जांच में कई गड़बड़ी हुई है। ईडी की जांच में इस घोटाले की राशि से अवैध संपत्ति अर्जित किए जाने का मामला सामने आ रहा है। इस मामले में खनन सचिव आइएएस पूजा सिंघल को गिरफ्तार किया गया है। ऐसे में इस मामले की सीबीआइ जांच होनी चाहिए। प्रार्थी ने इस मामले में सीबीआइ को प्रतिवादी बनाने की मांग की। इस पर अदालत ने सरकार से जवाब मांगा है।