पलामू पुलिस ने डकैतों के एक अंतर राज्यीय गैंग के सदस्य को गिरफ्तार कर लिया। बिहार के डकैतों का यह गैंग ऑटो से डकैती करने झारखंड आता था और लूट पाट के बाद ऑटो से ही वापस लौट जाता था। इस गिरोह के सभी सदस्य बिहार के रोहतास और गया जिला के रहने वाले हैं। 1 सितंबर से 4 अक्टूबर के बीच इन डकैतों ने पलामू में चार घटनाओं को अंजाम दिया। डकैतों का यह गैंग पुलिस की नजर से बचने के लिए ऑटो का इस्तेमाल करता था।
ऑटो को पुलिस रोकटोक नहीं करती इसलिए अपराधियों ने इसे क्राइम के लिए चुना। 1 सितंबर को नावाबाजार थानाक्षेत्र के राजकुमार भुइयां के घर 11:30 बजे के करीब 8-10 अपराधियों ने हथियार के बल पर डकैती की घटना को अंजाम दिया था। जिसमें 15 हजार नकद और आभूषण लूटे गए थे। इसी रात करीब डेढ़ बजे कंडा में लाडो लाइन होटल में डकैती की घटना को अंजाम दिया था। जिसमें 55 हजार रुपए, जेवरात, पीतल के बर्तन और एक अपाची मोटरसाइकिल लूट ली थी। इसके बाद 3 अक्टूबर को एक बार फिर नावाबाजार थाना अंतर्गत तुकबेरा में आधी रात को आशीष विश्वकर्मा के घर डकैती की। जिसमें 70 हजार रुपए, जेवरात और किराना दुकान से खाने-पीने के सामान लूट लिया था।
घटना के दूसरे ही दिन 4 अक्टूबर की रात हरिहरगंज थाना अंतर्गत भंडार गांव में सच्चिदानन्द प्रसाद के घर को डकैतों ने निशाने पर लिया। 25 हजार रुपए और करीब डेढ़ लाख के जेवरात लूट लिए। पुलिस ने जांच में पाया कि सभी घटनाओं को एक ही गैंग ने अंजाम दिया था। शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में सदर एसडीपीओ के विजय शंकर ने बताया कि एसपी चन्दन कुमार सिन्हा ने अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए विश्रामपुर एसडीपीओ सुरजीत कुमार और छतरपुर एसडीपीओ अजय कुमार के नेतृत्व में एक टीम गठित की है। अनुसंधान के क्रम में बिहार के रोहतास, औरंगाबाद और गया में छापेमारी की गई।
इस दौरान आमस थाना अंतर्गत ग्राम लेंबुआ से घटना में शामिल एक अपराधी धर्मेंद्र चौधरी को गिरफ्तार कर लिया। धर्मेंद्र ने इस कांड में अपनी संलिप्तता को स्वीकार किया व उसकी निशानदेही पर डकैती में लूटे गए सामान की बरामदगी की गई। धर्मेंद्र ने अपने साथियों के बारे में भी पुलिस को जानकारी दी है। उनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है।