रूपेश हत्याकांड मामले में NCPCR के अध्यक्ष पहुंचे बरही, परिजनों समेत कई लोगों से की पूछताछ..

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो आज झारखंड पहुंचे। वह रांची एयरपपोर्ट से हजारीबाग के बरही के लिए रवाना हुए। वहां उन्होंने प्रतिमा विसर्जन के दौरान 2 गुटों के विवाद में मारे गए रूपेश पांडेय के परिजनों से मुलाकात की और पूरे घटनाक्रम की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि ऐसी सूचनाएं मिली हैं कि इस प्रकरण में कई बच्चों को पुलिस ने डिटेन किया है। यह उचित नहीं है। इसकी जांच की जाएगी। आयोग किसी भी कीमत पर किसी बच्चे के अधिकार का हनन नहीं होने देगा। कहा कि इस मामले की पूरी निष्पक्षता से जांच की जाएगी। बच्चे के परिजनों को न्याय दिलाया जाएगा।

अधिकारियों से ली मामले की जानकारी..
आयोग के अध्यक्ष ने इस मामले में परिवार से मुलाकात के बाद जांच अधिकारियों से भी मुलाकात की और इस प्रकरण में अब तक की गई कार्रवाई का ब्यौरा प्राप्त किया। गौरतलब है की रूपेश पांडेय की मौत के बाद से पूरे राज्य में राजनीतिक गर्म है। कई नेताओं ने रूपेश के परिजनों से मुलाकात की है। कुछ को प्रशासन के द्वारा रोका भी गया। इसमें झारखंड बीजेपी के अध्यक्ष दीपक प्रकाश और दिल्ली भाजपा के नेता कपिल मिश्रा शामिल रहे हैं। इन्हें परिवार से मिलने की इजाजत नहीं दी गई।

मौके पर NCPCR के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने पत्रकारों से बात करते कहा कि वे जांच रिपोर्ट जल्द ही केंद्र और राज्य सरकार को सौपेंगे. साथ ही कहा कि उन्होंने स्थानीय पुलिस, एसआईटी, डीसी, एसपी, रूपेश पांडेय को अस्पताल में देखने वाले डॉक्टर्स, उसके शव का पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर्स, बाल कल्याण पदाधिकारी, बाल कल्याण समिति, मृतक के माता-पिता, चाचा व मृतक के दोस्तों से बात की.

वहीं, आयोग के अध्यक्ष ने यह भी कहा कि मृतक रूपेश के परिजनों की मांग को आयोग की रिपोर्ट में शामिल किया जायेगा. बताया कि परिजनों ने इस हत्याकांड में शामिल लोगों की अविलंब गिरफ्तारी, मृतक परिवार के भरण-पोषण की व्यवस्था करने एवं आगजनी कांड में निर्दोष लोगों को राहत की मांग की है. साथ ही उन्होंने कहा कि रूपेश हत्याकांड की घटना व घटना के बाद के मामले में किसी गवाह और किसी बच्चों की प्रताड़ना ना हो, यह अधिकारियों से सुनिश्चित कराया जायेगा. यह भी बताया कि पीड़ित परिवार को आयोग सुरक्षा प्रदान करे, ताकि पीड़ित परिवार किसी डर और दबाव में नहीं आ सके. कहा कि मामले में कार्रवाई के क्रम में किशोर न्याय अधिनियम की भावना का ख्याल नहीं रखा गया. पुलिस ने रूपेश हत्याकांड के अभियुक्तों के विरुद्ध अभी तक फरार घोषित करने व कुरकी-जब्ती करने की कार्रवाई नहीं की है. कहा कि मृतक रूपेश पांडेय के कुछ दोस्तों के कुछ बयान संदिग्ध लग रहे हैं.

इधर, आयोग के अध्यक्ष के बरही आगमन को लेकर बरही एसडीओ पूनम कुजूर, सीओ अरविंद देवाशीष टोप्पो, बरही एसडीपीओ नाजिर अख्तर, बड़कागांव डीएसपी अमित कुमार सिंह, विष्णुगढ़ डीएसपी अनुज उरांव समेत पुलिस जवान मौजूद थे.