सुप्रीम कोर्ट में छठी जेपीएससी के संशोधित मेरिट लिस्ट मामले में सुनवाई आज..

छठी जेपीएससी के संशोधित मेरिट लिस्ट जारी करने के खिलाफ दाखिल एसएलपी पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई होगी। हालांकि सुप्रीम कोर्ट से नौकरी गंवाने वालों को अंतरिम राहत मिली हुई है। अदालत ने 14 मार्च को सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी थी। यह मामला जस्टिस अजय रस्तोगी और जस्टिस अभय एस ओका की खंडपीठ सुनवाई के लिए सूचीबद्ध है। पिछली सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा था कि मामले में झारखंड सरकार और जेपीएससी का पक्ष सुनना बहुत महत्वपूर्ण है। छठी जेपीएससी परीक्षा से 326 अधिकारियों की नियुक्ति हो चुकी है।

झारखंड हाई कोर्ट का आदेश सही नहीं है: अधिवक्ता
पिछली सुनवाई के दौरान प्रार्थियों की ओर से वरीय अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी, प्रशांत भूषण और पीएस पटवालिया ने अदालत को बताया था कि छठी जेपीएससी को लेकर झारखंड हाई कोर्ट का आदेश सही नहीं है। विज्ञापन की शर्तों के अनुसार क्वालिफाइंग पेपर (हिंदी व अंग्रेजी) का मार्क्स कुल प्राप्तांक में जोड़ा जाना था। जेपीएससी की ओर से जारी मेरिट लिस्ट में कोई गड़बड़ी नहीं थी। हाई कोर्ट ने वीएस दूबे की कमेटी की अनुशंसा को भी नहीं माना है, इसलिए हाई कोर्ट का आदेश रद कर दिया जाए।

संशोधित मेरिट लिस्ट जारी कर दी है जेपीएससी..
मामले में कैविएट दाखिल करने वालों की ओर से वरीय अधिवक्ता कपिल सिब्बल और अमृतांश वत्स ने अदालत को बताया था कि झारखंड हाई कोर्ट के एकलपीठ का आदेश बिल्कुल सही है। विज्ञापन की शर्तों के अनुसार क्वालिफाइंग मार्क्स को कुल प्राप्तांक में नहीं जोड़ा जाना था। खंडपीठ में सरकार की ओर से महाधिवक्ता ने एकल पीठ के आदेश को सही माना और सरकार ने अपील भी दाखिल नहीं की थी। जेपीएससी ने कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए संशोधित मेरिट लिस्ट जारी कर दी है। संशोधित लिस्ट में 62 नए अभ्यर्थियों का चयन हुआ है। जल्द से जल्द सुनवाई कर मामला का निष्पादन किया जाए।

हाई कोर्ट ने संशोधित मेरिट लिस्ट जारी करने का दिया था निर्देश..
बता दें कि हाई कोर्ट के एकल पीठ ने सात जून 2021 को छठी जेपीएससी के मेरिट लिस्ट को रद करते हुए संशोधित मेरिट लिस्ट जारी करने का निर्देश दिया था। अदालत ने माना था कि क्वालिफाइंग पेपर का अंक कुल प्राप्तांक में जोड़ना विज्ञापन के अनुरूप नहीं है। खंडपीठ ने एकलपीठ के आदेश को सही ठहराया और हस्तक्षेप से इन्कार करते हुए अपील खारिज कर दी थी। इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दाखिल की गई है।