रांची में एक हजार फर्जी पासपोर्ट और 10.50 लाख नकद के साथ एक गिरफ्तार..

झारखंड की राजधानी रांची में फर्जी पासपोर्ट का गोरखधंधा उजागर हुआ है| पुलिस ने सोमवार को रांची के बिरसा चौक से एक हजार फर्जी पासपोर्ट समेत 10.50 लाख नकद के साथ राजेश प्रसाद नाम के एक युवक को गिरफ्तार किया है। हालांकि, रांची में फर्जी पासपोर्ट का ये बाजार कोई नया नहीं है| इससे पहले यहां फूलन देवी के हत्यारे शेर सिंह राणा समेत कई बांगलादेशियों का भी फर्जी पासपोर्ट बनाया चुका है| दूसरी तरफ जमशेदपुर में भी एक अफगानी महिला का फर्जी पासपोर्ट बनाने का मामला सामने आया था।

सोमवार को हुई कार्रवाई में इस धंधे का मास्टरमाइंड रांची के चुटिया का निवासी राजेश सिंह मौके से फरार हो गया। पुलिस को इस संबंध में सूचना मिली थी कि पूर्वी सिंहभूम के जमशेदपुर के लिए रांची के बिरसा चौक के पास से भारी मात्रा में नकद रुपये व फर्जी पासपोर्ट भेजा जा रहा है। सूचना मिलते ही जगन्नाथपुर थाना प्रभारी अभय कुमार सिंह ने तत्काल छापेमारी अभियान शुर की। इस दौरान मौके से एक कार में भारी मात्रा में फर्जी पासपोर्ट और दो सूटकेस में रखे 10.50 लाख रुपये नकद बरामद किए गए। साथ ही मौके से राजेश प्रसाद गिरफ्तार किया गया।

वहीं, मास्टरमाइंड राजेश सिंह चकमा देकर भागने में कामयाब रहा। गिरफ्तार राजेश प्रसाद से थाने में हटिया एएसपी विनीत कुमार देर रात तक पूछताछ करते रहे। अब तक की पूछताछ में राजेश प्रसाद नेसारा आरोप राजेश सिंह पर मढ़ दिया है। उसने पुलिस से कहा कि नकदी और पासपोर्ट के संबंध में सही जानकारी राजेश सिंह ही दे पाएगा। पुलिस ऐसी आशंका जता जा रही है कि फर्जी पासपोर्ट के जरिए पर बड़े पैमाने पर नक्सलियों और आतंकियों को विदेश भेजने तथा उन तक पासपोर्ट भेजने का धंधा किया जाता था। ऐसे में आतंकी कनेक्शन की आशंका को देखते हुए पुलिस गंभीरता से इस मामले के जांच में जुट गई है। हालांकि, अब तक कोई ठोस जानकारी हाथ नहीं लगी है।

जानकारी के मुताबिक, गिरफ्त में लिया गया राजेश प्रसाद, मास्टरमाइंड राजेश सिंह का कर्मचारी है। राजेश प्रसाद के जरिए नकदी और फर्जी पासपोर्ट जमशेदपुर भेजने के लिए राजेश सिंह ने एक ट्रैवल एजेंसी से कार बुक की थी। वहीं राजेश प्रसाद इस दौरान नशे में धुत था। प्रसाद ने पुलिस को बताया कि बिरसा चौक के पास कार ड्राइवर से राजेश सिंह का झगड़ा हो गया था। जिसके बाद ड्राइवर ने सूटकेस कार से उतारकर सड़क किनारे रख दिया। इस बीच उस ड्राइवर को कुछ रूपये नजर आ गए। शक होने पर चालक ने ही जगन्नाथपुर थाने में इसकी सूचना दे दी। थानेदार फौरन मौके पर पहुंचे, लेकिन इस बीच राजेश सिंह भाग गया।

फिलहाल, राजेश सिंह की तलाशी चल रही है| इसके लिए जगन्नाथपुर सहित अन्य थानों की पुलिस ने चुटिया के अलावा रांची के कई ठिकानों पर छापेमारी की। साथ ही कई जगहों पर नाकेबंदी की गई है।

पूर्व में सामने आये फर्जी पासपोर्ट के मामले..
17 मई, 2016 को अनगड़ा पुलिस नेफर्जी प्रमाण-पत्र से पासपोर्ट बना रहे तीन लोगों का पर्दाफाश किया था। आवेदन देने वाले सभी मुर्शिदाबाद (पश्चिम बंगाल) केरहने वाले थे। फरवरी में विदेश मंत्रालय ने लुकमान खान, दिलू खान और अली खान का पासपोर्ट सत्यापन के लिए थाना को पत्र लिखा था।

जनवरी, 2016 में बर्दमान बम विस्फोट कांड में गिरफ्तार संदिग्ध आतंकी रजाउल का पासपोर्ट, फरीदुल नाम से रजरप्पा थाने के चितरपुर स्थित इस्लामनगर के पते पर बना था। पुलिस ने बाद में बताया था कि रजाउल का नाम ही फरीदुल है।

अप्रैल, 2015 में फूलन देवी हत्याकांड के अभियुक्त शेर सिंह राणा का पासपोर्ट फर्जी तरीके से रांची से ही जारी हुआ था। तत्कालीन एसडीओ विनय कुमार सिंकूने उसके गलत नाम पर पासपोर्ट जारी करने की अनुशंसा की थी। जिसके बाद उन्हें दोषी पाया गया था। शेर सिंह राणा ने तिहाड़ जेल से भागने के बाद संजय गुप्ता नाम से फर्जी पासपोर्ट बनवा लिया था।

मई, 2014 में पासपोर्ट आफिस रांची ने साहेबगंज के आठ बांग्लादेशियों का पासपोर्ट जारी कर दिया था। इस बात की जानकारी मिलने के बाद पासपोर्ट रद्द कर दिए गए थे। तत्कालीन डीजीपी ने इस मामले में जांच के आदेश भी दिए थे।

वर्ष 2012 में कपाली ओपी प्रभारी शारदा रंजन प्रसाद ने दो फर्जी पासपोर्ट बनाने और गलत सत्यापन के आरोप में मो. जमालुद्दीन व उसके बहनोई मो. एहतेसाम और मो साबीर को गिरफ्तार कर जेल भेजा था।

दो फरवरी, 2016 को फ्रांस मेंजसविंदर कौर पकड़ी गई थी। वो भारतीय पासपोर्ट लेकर फ्रांस पहुंची थी। जबकि वो ना हिंदी और ना ही पंजाबी बोल पा रही थी। पूछताछ में उसने स्वीकार किया कि वो भारतीय नहीं बल्कि अफगानी सिख है। 12 अक्टूबर, 2015 को उसे रांची पासपोर्ट कार्यालय से पासपोर्ट जारी हुआ था जिसमें पता पूर्वी सिंहभूम का सिदगोड़ा थाना क्षेत्र लिखा गया था।