एकलव्य विद्यालयों को नवीकरण के लिए मिलेगी 5 करोड़ की राशि ..

Jhupdate: केंद्र सरकार द्वारा देशभर में अनुसूचित जाति के बच्चों को गुणवत्ता युक्त शिक्षा देने के लिए वर्ष 2026 तक 740 नये एकलव्य विद्यालय खोलने की योजना बनायी गई है। वहीं 89 नये एकलव्य विद्यालए झारखंड में खोले जाने है। जहां उड़ीसा में 106 स्कूल खोले जाने का लक्ष्य है वही झारखंड में इसकी संख्या 89 है उड़ीसा के बाद सबसे ज्यादा एकलव्य विद्यालय झारखंड में खुलेगा खुलेगा। छत्तीसगढ़ में 74 और मध्य प्रदेश में 70 स्कूल खोले जायेंगे। वर्तमान में छत्तीसगढ़ में सबसे अधिक 70 एकलव्य विद्यालय संचालित है। वहीं केंद्र सरकार द्वारा पुराने एकलव्य विद्यालयो के भवनों के जीर्णोर्द्धार के लिए हर स्कूल को पांच करोड़ देने की योजना बनायी गई है। नवीकरण के लिए देशभर के 211 स्कूलों को राशि भेजी जायेगी। झारखंड में इस योजना के तहत सात स्कूलों को यह राशि मुहैया कराई।

झारखंड में सात एकलव्य विद्यालय….
केंद्र सरकार द्वारा साल 1997-98 में एकलव्य विद्यालय योजना की शुरुआत हुई थी। देशभर में पुरानी योजना के तहत 246 स्कूल चल रहे हैं। पुरानी योजना के तहत झारखंड में सात एकलव्य विद्यालय चलाये जा रहे है। जिसमें बुनियादी सुविधा के नाम पर घोर अभाव है। स्कूल में बुनियादी सुविधाएं नहीं उपलब्ध है साथ ही साथ स्कूल का सही तरीके से रखरखाव स्कूलों का सही तरीके से रखरखाव नहीं हुआ है। आवासीय विद्यालयों में रहनेवालों बच्चों को भारी परेशानी हो रही है।

स्कूलों में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की होगी स्थापना….
पिछले दिनों केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय केंद्र सरकार की महत्ववकांक्षी योजना है। सरकार द्वारा सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना इन स्कूलों में की जानी है। जिन स्कूलों को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के लिए चयनित किया गया है उन्हे पांच करोड़ रुपये दिये जायेंगे। स्मार्ट कक्षाओं के साथ 175 एकलव्य स्कूलों में डिजिटल प्रशिक्षण की व्यवस्था होगी। स्कूलों में गुणवत्ता युक्त शिक्षा के शैक्षणिक कार्यों में लगाये जाने वाले शिक्षकों की योग्यता के मापदंड तय होंगे।

480 बच्चों का नामांकन….
देशभर में केंद्र सरकार द्वारा वर्ष 2026 तक 740 एकलव्य आदर्श आवसीय विद्यालय खोलने का लक्ष्य रखा गया है। प्रतिवर्ष विद्यालयों में 480 बच्चों का नामांकन होगा। वर्ष 2026 तक केंद्र सरकार का लक्ष्य है कि 3.5 लाख बच्चों को स्कूल से निबंधित किया जाये। इन बच्चों का पठन- पाठन सुचारू रूप से चले। एसटी बच्चों के लिए नवोदय विद्यालय की तर्ज पर ये स्कूल चलाये जायेंगे। जिसमें कक्षा छह से 12 तक के बच्चों की पढ़ाई होगी। केंद्र सरकार ने स्कूलों में आधुनिक तकनीक के साथ पढ़ाई की योजना बनायी है। पहले से संचालित एकलव्य विद्यालयों को भी केंद्र सरकार द्वारा सुदृढ़ करने की योजना तैयार की है।