रांची: बामलाडीह पुल टूटा, तमाड़ और सोनासातु का संपर्क कटा..

रांची में लगातार हो रही बारिश से रांची के डैम और तालाब लबालब भर गए हैं। लगभग सभी डैम में क्षमता के मुताबिक पानी जमा हो गए हैं। नदियों का जलस्तर बढ़ गया है और डैम के फाटक खोले गये हैं, वहीं रांची के तमाड़ में बामलाडीह पुल टूट गया। इससे तमाड़ और सोनासातु का संपर्क कट गया है। यह पुल तमाड़ और सिल्ली को जोड़ते हुए बंगाल को जोड़ती है। इस पुल से काफी आवागमन होता है। बताया जाता है कि तेज बारिश की वजह से बामलाडीह पुल टूट कर दो टुकड़ों में बंट गया है। यह पुल करोड़ों की लागत से बना था। बनने के बाद इसकी खामियां सामने आने लगी थीं। एक साल पहले भी इस पुल का एक स्पेल झुक गया था, जिसकी मरम्मती की गयी थी।

बता दें कि इसी साल कांची नदी में बना हाराडीह बुढ़ाडीह पुल भी टूट चुका है। इस पुल की जांच भी की गयी थी। कार्रवाई के नाम पर जांच टीम रिपोर्ट तक ही सिमित रह गयी है। इससे स्थानीय लोगों में आक्रोश है।

इधर पिछले दो दिनों से हो रही लगातार बारिश के कारण रांची का गेतलसूद डैम लबालब भर गया। शनिवार रात दो बजे के करीब गेतलसूद डैम के पांच रेडियल गेट को खोल दिया गया। पिछले 24 घंटा में गेतलसूद डैम में दस फीट पानी बढ़ गया है। फिलहाल गेतलसूद डैम का जलस्तर 34.20 आरएल फीट है। गेतलसूद डैम का जलस्तर 35 फीट पर डेंजर जोन में आ जाता है। सिंचाई विभाग के कार्यपालक अभियंता राजेश कुमार व कनीय अभियंता वीरेन्द्र प्रसाद लगातार स्थिति पर नजर रखे हुए हैं।

इधर हटिया डैम का भी वाटर लेवल तेजी से बढ़ रहा है। यहां का जलस्तर 24 घंटे में लगभग 4 फीट बढ़ा है। शुक्रवार को डैम का वाटर लेवल 24.05 फीट दर्ज किया गया था, जो शनिवार बढ़कर 28.09 फीट पर पहुंच गया है। हालांकि यहां अभी जल स्तर खतरे के निशान से नीचे है। हटिया डैम की कुल क्षमता 38 फीट है।

वहीं कांके डैम में जलस्तर खतरे के निशान के पास पहुंच गया है। इसकी कुल क्षमता 28 फीट है और यहां का जल स्तर 27 फीट के पास पहुंच गया है। जबकि रुक्का डैम की कुल क्षमता 36 फीट और यहां का जलस्तर 33 फीट तक पहुंच गया है। सुरक्षा के मद्देनजर विभाग की तरफ से दोनों डैम का एक-एक फाटक खोल दिया गया है।

इसके साथ ही बारिश से हुंडरू फॉल जलस्तर काफी बढ़ गया है। जिससे हुंडरू फॉल की सीढ़ियों के ऊपर से पानी बह रहा है। वहीं सीढ़ी व गार्डवाल पूरी तरह बह गया। वहीं क्षेत्र के कुटे में दस लोगों का घर गिर जाने से लोग अपना सामान लेकर दूसरे के घरों में शरण ले रहे हैं।