सड़क पर कब्जा, बिल्डर पर शिकंजा..

रांची के पुंदाग-कटहल मोड़ रोड स्थित एकलव्य अपार्टमेंट के बिल्डर पर नगर निगम जुर्माना लगाएगा साथ ही बिल्डर के लाइसेंस को कैंसिल करने की भी कार्रवाई चल रही है। बता दें की एकलव्य टावर अपार्टमेन्ट के बिल्डर के द्वारा कुछ न्यूज ग्रुप में लोगों को भ्रमित करने हेतु राँची नगर निगम पर यह आरोप लगाया जा रहा है कि राँची नगर निगम के कारण उक्त अपार्टमेन्ट के बेसमेन्ट में जल जमाव हो जाता है। यह मामला चूँकि बिल्डर एवं उक्त अपार्टमेंट सोसाईटी का मामला है, इसलिए इसमें राँची नगर निगम की कोई भी जिम्मेवारी नहीं बनती है और न हीं राँची नगर निगम जिम्मेदार है। जब भी ज्यादा बारिश होती है तो यहाँ के बेसमेन्ट में जल जमाव हो जाता है।

गौरतलब है की रांची शहर के कई इलाकों में धड़ल्ले से अवैध निर्माण और प्लॉटिंग का खेल चल रहा है। अवैध तरीके से अपार्टमेंट और बहुमंजिला इमारतें खड़ी होती जा रही हैं। बिल्डर आम आदमी के हिस्से की हवा और सूरज की रोशनी तक बेच रहे हैं। कई बिल्डर मूलभूत सुविधा भी नहीं देते हैं। जबकि कई सुविधाओं पर पहले से ही अधिक शुल्क निर्धारित कर दिया जाता है और मार्केट में खोखले दावे किये जाते हैं। अब इस मामले में नगर निगम द्वारा एकलव्य अपार्टमेंट के बिल्डर पर शिकंजा कसने की तैयारी शुरू हो गई है। इसके तहत निगम अपार्टमेंट की मापी कराएगा। जिसमें यह भी देखा जाएगा कि अपार्टमेंट का निर्माण बिल्डिंग बायलॉज के अनुसार किया गया है या नहीं। जानकारी के अनुसार इसके बाद ही जुर्माना की राशि तय की जाएगी।

इधर झारखंडी सूचना अधिकार मंच के विजय शंकर नायक ने भी सीएम हेमंत सोरेन से पूर्ववर्ती सरकार के समय नगर विकास विभाग के द्वारा रांची शहर में किए गए कार्यों की जांच कराने की मांग की है। उन्होंने इस सिलसिले में सीएम को पत्र लिखा है। नायक ने कहा है कि आज बारिश के मौसम में शहर की जो हालत है, उसके लिए तत्कालीन मंत्री सीपी सिंह और रांची की मेयर और डिप्टी मेयर मुख्य रूप से जिम्मेवार हैं। सीपी सिंह ने 85 करोड़ में फेज-1 का काम किया। दरअसल पैसों का बंदरबांट किया गया था। नायक ने कहा कि मेयर और डिप्टी ने अपने लाभ के लिए नालियों का गलत तरीके से निर्माण कराया। रांची शहर इनके कुकृत्य का खामियाजा भुगत रहा है।

बता दें की एकलव्य टावर की पार्किंग में गुरुवार की रात से लगातार हो रही बारिश के कारण पानी भर गया। पार्किंग में खड़े वाहन भी लगभग पूरी तरह से डूब गए थे। कारों की छत ही नजर आ रही थी। यहां रहने वाले लोगों का कहना है कि पार्किंग में पानी भर जाने के कारण लोगों का हजारों रुपए का नुकसान हुआ। वहीं, करीब सात फीट तक पानी भर जाने से लिफ्ट ने भी कार्य करना बंद कर दिया था। जिससे यहां रहने वाले करीब 70 परिवार घरों में कैद हो गए थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *