जज हत्याकांड मामला: सीबीआई की दलील से कोर्ट सहमत, लखन और राहुल पर चलेगा मुकदमा..

धनबाद: जिला एवं सत्र न्यायाधीश (अष्टम) उत्तम आनंद की हत्या के आरोप में जेल में बंद आटो चालक राहुल वर्मा व लखन वर्मा के विरुद्ध हत्या व सबूत मिटाने का मुकदमा चलेगा। सीबीआइ के विशेष न्यायिक दंडाधिकारी अभिषेक श्रीवास्तव की अदालत ने सीबीआइ की दलील सुनने के बाद दोनों के विरुद्ध हत्या व साक्ष्य मिटाने की धारा में संज्ञान लिया। 28 जुलाई, 2021 को धनबाद के जज उत्तम आनंद की मृत्यु आटो का धक्का लगने से हो गई थी। बाद में सीसीटीवी फुटेज देखने के बाद ऐसा प्रतीत हुआ कि जानबूझकर धक्का मारा गया। इसके बाद मामले की जांच सीबीआइ को साैंप दी गई।

सीबीआइ ने 20 अक्टूबर को दाखिल किया था आरोप पत्र..
77 दिनों तक जांच करने के बाद सीबीआइ ने 20 अक्टूबर को अदालत में चार्जशीट सौंपी थी। चार्जशीट में सीबीआइ ने यह दावा किया था कि आटो चालक लखन वर्मा और उसके साथ बैठे राहुल वर्मा ने हत्या करने की नियत से जानबूझकर मार्निंग वाक कर रहे जज उत्तम आनंद को आटो से धक्का मारा, ताकि उनकी मौत हो जाए। चार्जशीट के मुताबिक राहुल वर्मा पेशेवर चोर है जो पहले भी मोबाइल चोरी के केस में जेल जा चुका है। आटो पर ड्राइवर लखन का पूरा कंट्रोल था। रोड पर उस वक्त कोई ट्रैफिक नहीं थी, इसलिए आटो को अचानक बायीं और मोडऩे का कोई कारण नहीं था। धक्का मारने के बाद भी आटो की गति 23 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से कम नहीं हुई जो एक साधारण व्यक्ति के स्वभाव के विपरीत है। चार्जशीट में सीबीआइ ने दावा किया था कि दोनों घटना के वक्त नशे में नहीं थे। आरोप पत्र पर मंगलवार को सीबीआइ की विशेष अदालत में सुनवाई हुई। अदालत में दोनों आरोपितों पर हत्या और साक्ष्य मिटाने का मामला चलाने की अनुमति दे दी।

8 जुलाई को सुबह की सैर के दाैरान आटो ने मारा था धक्का..
जज उत्तम आनंद की मौत 28 जुलाई की सुबह हुई थी। वह घर से सुबह की सैर पर निकले थे। रणधीर वर्मा चौक पर एक आटो ने उन्हें धक्का मार दिया था। अस्पताल ले जाने पर डाक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया था। घटना का सीसीटीवी फुटेज देखने से ऐसा प्रतीत हुआ कि यह हादसा नहीं है। जज को जानबूझकर धक्का मारा गया।