रांची के उपायुक्त छवि रंजन ने स्वीकार किया है कि उन पर आपराधिक मामला दर्ज है और एसीबी कोर्ट में इसकी सुनवाई लंबित है। झारखंड हाईकोर्ट में शपथपत्र दाखिल करते हुए उपायुक्त ने जानकारी दी है कि एसीबी कोर्ट में अपने ऊपर लगे आरोपों को खारिज करने के लिए उन्होंने याचिका भी दायर की है। अदालत में इस मामले में अभी ट्रायल शुरू नहीं हुआ है। बता दें हाईकोर्ट ने मुख्यमंत्री को अनगड़ा में खनन लीज देने के मामले में सरकार को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था। सरकार की ओर से रांची के उपायुक्त छवि रंजन ने शपथपत्र दाखिल किया था। इस पर अदालत ने नाराजगी जाहिर की थी और कहा था कि रांची के डीसी को खान विभाग और मुख्यमंत्री के बारे में सभी बातों की जानकारी कैसे हो सकती है। 19 मई को मामले की सुनवाई के दौरान प्रार्थी की ओर से अदालत को बताया गया कि रांची डीसी पर आपराधिक मामला है और यह मामला निचली अदालत में लंबित हैं। इस मामले में वह अग्रिम जमानत पर हैं।
इस पर अदालत ने नाराजगी जाहिर की और कहा था कि एक अभियुक्त सरकार की ओर से शपथपत्र कैसे दाखिल कर सकता है। हाईकोर्ट रूल में यह स्पष्ट है कि किसी मामले का अभियुक्त अपने मामले में भी शपथपत्र दाखिल नहीं कर सकता है। तो रांची के डीसी सरकार की ओर से कैसे शपथपत्र दाखिल कर सकते हैं। इसके बाद अदालत ने उपायुक्त को निजी तौर पर शपथपत्र दाखिल कर यह बताने को कहा था कि उनके खिलाफ आपराधिक मामला लंबित है या नहीं । यदि मामला लंबित है तो वह किस स्टेज में है।
बता दें कि रांची के उपायुक्त जब कोडरमा में पदस्थापित थे तो उन पर छह कीमतीं और पुराने पेड़ काटने का आरोप लगा था। ये सदियों पुराने महंगे पेड़ थे जिन्हें कथित तौर पर निजी इस्तेमाल के लिए उनके निर्देश पर काटा गया था। मरकच्चो थाना में इसकी प्राथमिकी दर्ज की गयी थी और वर्ष 2016 में इस केस को निगरानी को स्थानांतरित कर दिया गया। इस मामले में उन्हें हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत मिली है।