झारखण्ड की राजधानी रांची के बेड़ो प्रखंड मुख्यालय के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में कोरोना जांच कि उचित व्यवस्था न होने की वजह से मांडर विधानसभा के बेड़ो, लापुंग, इटकी, मांडर व चान्हो के पांचों प्रखंड के अभ्यर्थियों के बीच परेशानी का माहौल हैं। सरकार ने सेना की भर्ती में जाने वाले युवाओं के कोरोना जांच को अनिवार्य किया है। इस वजह से भरी संख्या में अभ्यर्थी शुक्रवार को सीएचसी पहुंचे लेकिन लैब टेक्नीशियन, एसी रूम और रैपिड एंटीजन टेस्ट की पर्याप्त संख्या न होने पर अभ्यर्थियों को हताश हो कर लौटना पड़ा।
गौरतलब है कि रांची में इन दिनों सेना भर्ती प्रक्रिया चल रही है। इसमें हिस्सा लेने के लिए कोरोना जांच कराना अनिवार्य है। नेगेटिव रिपोर्ट आने पर ही अभ्यर्थियों को सेना में भर्ती किया जाएगा। सीएचसी के लैब टेक्नीशियन अख्तर का कहना है कि लैब टेक्नीशियन की कमी, एसी रूम के नहीं होने से दिक्कत हो रही है। एक रैपिड एंटीजिन टेस्ट करने और उसकी रिपोर्ट आने में करीब 25 से 30 मिनट का समय लगता है। इस दौरान पांचों प्रखंड क्षेत्र के छात्र अस्पताल आ गए जिस वजह से परेशानी हुई।
सरकार की इस लापरवाही की वजह से छात्रों का भविष्य दांव पर लगा हुआ है। सीएचसी में एक दिन में केवल 10 से 12 लोगों की ही जांच हो रही है। इसपर छात्रों का कहना है कि बेड़ो के सामुदायिक स्वास्थ केंद्र में समुचित व्यवस्था न होने के कारण मांडर विधानसभा क्षेत्र के पांचों प्रखंडों के छात्र सेना बहाली में नहीं जा पा रहे हैं। साथ ही उनका ये भी कहना है कि पिछले वर्ष सेना में बहाल होने का अवसर कोरोना महामारी की वजह से नहीं मिला और इस वर्ष पूरी होने तैयारी के बाद भी कोविड-19 जांच रिपोर्ट के कारण ये वर्ष भी बेकार हो गया। छात्रों का ये भी कहना है कि लॉकडाउन की वजह से पढाई पे भी असर पड़ा। इधर विधायक प्रतिनिधि नवल किशोर सिंह व परवेज आलम मामले की जानकारी मिलते ही सीएचसी पहुंचे और युवाओं से वार्ता कर मांडर विधायक बंधु तिर्की को मामले की जानकारी दी। जिस पर विधायक ने उपायुक्त से वार्ता कर व्यवस्था दुरुस्त कराने का आश्वासन दिया है।