सिकलसेल एनीमिया’ और ‘थैलेसीमिया’ रक्त विकारों एक पीढ़ी से दुसरी पीढ़ी में होते है स्थानांतरित..

Jhupdate: झारखंड में करीब पांच से सात फीसदी आबादी और राज्य की कुल जनजातीय आबादी का 12 फीसदी हिस्सा सिकल सेल एनीमिया और थैलेसीमिया से पीड़ित है। ‘सिकलसेल एनीमिया’ और ‘थैलेसीमिया’ रक्त विकारों से जुड़ी आनुवांशिक बीमारियां है। जिसमें समय-समय पर मरीजों को ब्लड ट्रांसफ्यूजन की प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है, जो बेहद कष्टदायक होता है। 10 साल पहले गुजरात की तर्ज पर रक्त विकार से जुड़ी बीमारियों की रोकथाम के लिए राज्य में पायलट प्रोजेक्ट के तहत देवघर, जमशेदपुर, गुमला और रांची में काम शुरू किया गया। रांची के सदर अस्पताल के अलावा को अन्य जिलों में इसकी प्रगति सुस्त है। जो मरीज इस बीमारी से पीड़ित है रांची सदर अस्पताल ऐसे मरीजों का न केवल स्क्रीनिंग और क्लीनिकल परीक्षण कर रहा है, बल्कि पीड़ितों के माता-पिता की काउंसलिंग कर उन्हें जागरूक भी कर रहा है कि यह बीमारियां उनकी अगली पीढ़ी में स्थानांतरित न हो।

ऐप द्वारा की जा रही है जांच….
सिकल सेल एनीमिया और थैलेसीमिया के मरीजों के उपचार की सुविधा रांची के सदर अस्पताल के 40 बेड के डे केयर में मौजूद है। स्वास्थ्य विभाग मरीजों को दवाओं के साथ नियमित जांच भी मुहैया करता है। खासतौर पर इसके लिए ‘एएमबी टी थ्री मोबाइल ऐप’ तैयार किया गया है। ‘थ्री टी’ का मतलब ‘टेस्ट (जांच), ट्रीट (इलाज) और टॉक (बातचीत के जरिये काउंसेलिंग)’ से है। ऐप में मौजुद मरीजो की पूरा जनकारी द्वारा उसकी लगातार स्क्रीनिंग और ट्रैकिंग की जाती है।

शादी से पहले पता हो रक्त विकार….
डॉक्टर का कहना है कि इन बीमारियों के प्रति लोगों का जागरूक होना बेहद जरूरी है। शादी से पहले लड़का- लड़की के रक्त विकारों की जानकारी होनी चाहिए। आगे की पीढ़ी में यह बीमारी स्थानांतरित ना हो इसके लिए रक्त विकार के वाहक की शादी स्वस्थ व्यक्ति से होना अत्यंत जरूरी है जिससे कि बीमारी की कड़ी टूट जायेगी जिससे कि आगे वाली पीढ़ी इससे बच सके। अगर शादी के बाद लड़का-लड़की दोनों में ही रक्त विकार का पता चलता है, तो परिवार बढ़ाने से पहले उन्हें डॉक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए।

क्या है सिकल सेल एनीमिया….
यह एक आनुवांशिक रक्त विकार है, रक्त में हिमोग्लोबिन स्ट्रक्चर के अंदर क्वालिटी चेंज के ट्रेंड दिखाई देते हैं। इसमें रक्त कोशिकाएं हसिया या अर्द्धचंद्राकार में बदल जाती हैं, जिसके कारण ऑक्सीजन ले जाने की क्षमता कम हो जाती है।

क्या है थैलेसीमिया….
थैलेसीमिया रक्त विकार शरीर में असामान्य हीमोग्लोबिन और रेड ब्लड सेल्स के उत्पादन के लिए जिम्मेदार है। हिमोग्लोबिन रेड ब्लड सेल को ऑक्सीजन ले जाने में मदद करती है। इससे पीड़ित मरीज को आयरन का स्तर बढ़ने के कारण असहनीय दर्द का सामना करना पड़ता है।