14वें वित्त आयोग के आंदोलनरत संविदाकर्मियों ने किया पंचायती राज मंत्री का आवास घेराव..

14वें वित्त आयोग के अंतर्गत संविदा पर कार्यरत पंचायती राज लेखा लिपिक और जूनियर इंजीनियरों का आंदोलन 48वें दिन भी जारी रहा। संविदा विस्तार को लेकर धरने पर बैठे इन संविदाकर्मियों ने बुधवार को पंचायती राज मंत्री आलमगीर आलम के आवास का घेराव किया। इस दौरान इन कर्मियों ने मंत्री से निवेदन करते हुए कहा कि 1600 युवाओं की नौकरी बचा लीजिए वरना इन सब का परिवार सड़क पर आ जाएगा।

इस दौरान मंत्री आलमगीर आलम ने घेराव करने आए संविदाकर्मियों से कहा “आप सभी लोग पढ़े लिखे हैं। सरकार की ओर से सबको पत्र भेजा गया है जिसमें ये बताया गया है कि सरकार आपके लिए क्या कर रही है। आप लोगों के लिए क्या किया जा सकता है सरकार उस दिशा में काम कर रही है।”

वहीं मीडिया से बातचीत में आलमगीर आलम ने कहा कि इन लोगों से कई मर्तबा बात हुई है। केंद्र सरकार की ओर से जारी चिट्ठी में ये साफतौर पर कहा गया है कि 14वें वित्त आयोग की नियुक्ति को रद्द किया जाए। लेकिन, राज्य सरकार किसी तरह इनके समायोजन को लेकर कोशिश कर रही है। राज्य सरकार समाधान करने के लिए प्रयासरत है लेकिन इसके बाद भी ये लोग सरकार की बातों को मानने के लिए तैयार नहीं हैं।

पुलिस को चकमा देकर पहुंचे मंत्री आवास
बताया जा रहा है कि ये संविदाकर्मी पुलिस को चकमा देकर आलमगीर आलम के आवास का घेराव करने पहुंच गए। दरअसल बिरसा चौक पर आंदोलन कर रहे सैकड़ों पंचायती राज कर्मियों ने पूर्व में घोषणा की थी कि ये लोग बुधवार को मुख्यमंत्री आवास का घेराव करेंगे। लेकिन, 200 से ज्यादा पंचायत कर्मी पुलिस को चकमा देकर राज्य केंपंचायती राज मंत्री के आवास पर श्रृंखलाबद्ध हो गए। जिसके बाद घर से निकलते समय मंत्री ने आंदोलनरत युवाओं से 5 मिनट तक बातचीत की।