देवघर को हम भोले बाबा की नगरी के नाम से जानते हैं। लेकिन यहां हम आपको इस जिले के एक ऐसे गांव के बारे में बताएंगे में जिसे फूलों के नाम से जाना जाता है। जी हां, देवघर से महज 7 किलोमीटर दूरी पर स्थित है मलहरा गांव जो फूलों की खेती के लिए जाना जाता है।लगभग 500 घरों में रहने वाली 3000 की आबादी वाले इस गांव मलहरा के लोगों के जीवन यापन का मुख्य स्रोत फूलों की खेती ही है। इसी के जरिए इन परिवारों की कमाई होती है।
गांव के एक किसान बताते हैं कि फूलों की खेती ही हमारे गांव में कमाई का मुख्य जरिया है। ये आज से नहीं बल्कि सदियों से है। उन्होंने बताया कि बाबा बैद्यनाथ मंदिर के कारण गांव के लोग सदियों से फूलों की खेती करते आ रहे हैं। बड़ी बात ये है कि यहां के किसानों को फूल बेचने के भी कोई परेशानी नहीं होती है। ये लोग फूल की माला बनाकर मंदिर में ले जा कर उसे बेचते हैं।
आपको बता दें कि यहां के एक किसान एक दिन में 300 से 500 के बीच का मुनाफा कमा लेते हैं। हालांकि, कोरोना संकट के दौरान लगे लॉकडाउन के कारण इन किसानों की आर्थिक स्थिति खराब हो गयी है। इस दौरान सभी मंदिर बंद पड़े थे। दूसरी तरफ मंदिर तो अब खुल गए हैं लेकिन किसानों का कहना है कि हम लोगों के पास फूल बहुत कम है।
किसान बताते हैं कि लॉकडाउन के कारण ये लोग बाहर से बीज मंगा भी नहीं पाए और अपने खेत से जो बीज तैयार करते थे उसे भी इस्तेमाल नहीं कर पाए। बरसात की वजह से फूल के बीज बर्बाद हो गए।
इस सब के बावजूद किसानों ने हिम्मत नहीं हारी है। गांव के किसान एक बार फिर तैयारी में जुट गए हैं। किसानों को पूरी उम्मीद है कि फूल की खेती एक बार फिर से रफ्तार पकड़ेगी और स्थिति में सुधार होगा।