बोकारो : स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड को हुए मुनाफे के बाद बोकारो इस्पात के विस्तार की योजना पर काम शुरू हो गया है। पहले से प्रस्तावित 10 मिलियन टन के बजाय सेल अब 15 मिलियन टन के विस्तारीकरण करने का लक्ष्य को तय करेगा। इसके लिए सेल के वर्तमान परिसर के अतिरिक्त अन्य भूमिका की जरूरत होगी। भविष्य की जरूरतों को देखते हुए बोकारो इस्पात प्रबंधन ने जमीन को खाली कराने के लिए जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ बैठक की है। जल्द से जल्द प्रारूप तैयार हो सके इसके लिए बैठक में दोबारा गांव के लोगों का सर्वेक्षण कराने पर सहमति बनी।
बता दे कि 19 विस्थापित गांवों के अधिग्रहण गृह प्रखंड के 773.43 एकड़ भूमि है। इस भूमि के अधिग्रहण के बावजूद बोकारो स्टील की उस वक्त जरूरत नहीं होने के कारण खाली नहीं कराया जा सका। अब इस्पात मंत्रालय देश का इस्पात उत्पादन बढ़ाना चाहते है। इस लक्ष्य को पूरा करने में सेल में खासकर बड़ी हिस्सेदारी बोकारो इस्पात की होगी। इस बात का जिक्र सेल ने भेजे गए पत्र में भी किया गया है। परियोजना भूमि और पुनर्वास ने कहा था कि 19 गांवों की आबादी का आकलन मतदाता सूची के आधार पर किया जा सकता है। इसके लिए प्रखंड विकास पदाधिकारी से पत्राचार किया जाए।
बोकारो में स्टील कलस्टर बनने के बाद बोकारो स्टील के उत्पादित स्टील का बोकारो में ही संवर्द्धन हो सकेगा। कलस्टर में विदेशी निवेश की भी संभावना होगी। केंद्रीय बजट में स्टील कलस्टर को पहले ही मंजूरी मिल चुकी है।
19 गांव जो होंगें विस्थापित
गांव-जमीन : बैधमारा 57.09 एकड़, कुंडौरी 59.01 एकड़, महेशपुर 54.80 एकड़, कनारी-127.925 एकड़, शिबुटांड 28.55 एकड़, पंचौरा 83.22 एकड़, कानफट्टा 11.27 एकड़, महुआर 124.58 एकड़, बोदरोटांड 2.4 एकड़, मानगो 63.19 एकड़, पीपराटांड 1.165 एकड़, धनडाबरा, 855 एकड़, उकरीद 12.46 एकड़, रानीपोखर 6.38 एकड़, करहरिया 1.7 एकड़, बनसिमली 32.90 एकड़, नरकेरा 24. 09 एकड़, धर्मपुरा 3.67 एकड़, जरीडीह 63.18 एकड़