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मकान का नक्शा के लिए नए सॉफ्टवेयर का ट्रायल शुरू..

Jharkhand: हाइकोर्ट ने रांची नगर निगम और रांची क्षेत्रीय विकास प्राधिकार (आरआरडीए) में नक्शा पास करने के लिए 20 से लेकर 30 रुपये प्रति वर्गफीट अवैध राशि वसूली को लेकर स्वतः संज्ञान से दर्ज मामले की सुनवाई की जस्टिस एस चंद्रशेखर व जस्टिस अनुभा रावत चौधरी की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार का पक्ष सुना। बताया गया कि 25 जुलाई को नक्शा पास करने वाला नया ऑटो डीसीआर सॉफ्टवेयर ऑनलाइन चलने लगेगा।

अवैध ढंग से हो रहा है मकानों का निर्माण….
गौरतलब है कि नक्शा पास करने पर लगी रोक की वजह से शहर में लोगों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था। दरअसल, नक्शा पास नहीं होने से लोगों को घर बनाने में मुश्किल हो रही थी क्योंकि बिना नक्शा पास हुए बैंक से लोन नहीं मिल रहा था। बिना नक्शे के भवन निर्माण की अनुमति भी नहीं मिलती। यही नहीं, नक्शा पास नहीं होने की वजह से शहर अवैध ढंग से मकानों को नियमित किए जाने का कार्य नहीं हो पा रहा था। अब हाईकोर्ट ने रोक लगा हटाई तो लोगो को घर बनाने में आसानी होगी।

एक सप्ताह होगा सॉफ्टवेयर ट्रायल….
एक सप्ताह तक इसका ट्रायल किया जायेगा। यदि सॉफ्टवेयर का ट्रायल सफल रहता है, तो पूरे राज्य में नक्शा पास करने की प्रक्रिया शुरू कर दी जायेगी। इसके बाद खंडपीठ तने रांची नगर निगम व आरआरडीए को शपथ पत्र के माध्यम से लंबित भवन प्लान (नक्शा) से संबंधित जानकारी देने का निर्देश दिया। मामले की की अगली सुनवाई के लिए खंडपीठ कि ने दो अगस्त की तिथि निर्धारित की। इससे पूर्व रांची नगर निगम की ओर से अधिवक्ता एलसीएन ने र नार शाहदेव व आरआरडीए की ओर से अधिवक्ता प्रशांत कुमार सिंह ने पैरवी की है।

पांच चरणों में स्वीकृति प्रदान की जायेगी..
नक्शों को पांच चरणों में स्वीकृति प्रदान की जायेगी। सॉफ्टवेयर में आर्किटेक्ट द्वारा स्वीकृत नक्शा वेबसाइट पर अपलोड करने के बाद सात दिनों के अंदर सत्यापन कर लिया जायेगा। इसके बाद जेइ साइट विजिट कर अपनी रिपोर्ट भी तैयार कर लेंगे। कागजात दुरुस्त रहने पर यदि भवन प्लान का नक्शा स्वीकृति के लायक रहा, तो उसे अगले चरण में भेजा जायेगा। वरना, नक्शा अस्वीकृत कर दिया जायेगा। स्वीकृति करने लायक नक्शों को केवल तीन अधिकारियों के पास भेजा जायेगा। लीगल ऑफिसर, टाउन प्लान और सबसे अंत में नगर निगम के सीइओ या प्राधिकार के उपाध्यक्ष के पास ही फाइल जायेगी। उनको तीन दिनों के अंदर नक्शों को स्वीकृति प्रदान करना होगा।

मकानों का नहीं हो पा रहा था निर्माण ….
गौरतलब है कि नक्शा पास नहीं होने की वजह से शहर के कई इलाकों में मकानों का निर्माण नहीं हो पा रहा था । 1 साल पहले रांची नगर निगम ने जिन भवनों का नक्शा पास किया था, उसकी प्रति भी लोगों को नहीं मिल रही थी। बैंक लोन देने में आनाकानी कर रहे थे। यही नहीं, रांची सहित राज्य के सभ अगला नगर निकायों में 7 लाख अवैध भवनों को नियमित करने नियमावली भी अटक गई थी।