झारखंड में तेजी से फैलते कोरोना संक्रमण के बीच एक चिंता गहराने लगी है। राज्य में अब सिर्फ तीन दिन का वैक्सीन डोज बचा है। 5 अप्रैल तक सिर्फ साढ़े तीन लाख वैक्सीन डोज ही उपलब्ध हैं। इसमें सवा तीन लाख डोज कोविशील्ड की है जबकि 25 हजार डोज कोवैक्सीन की है। ऐसे में अगर तीन दिन के भीतर वैक्सीन की खेप नहीं पहुंची तो झारखंड में टीकाकरण अभियान रुक जाएगा।
झारखंड के स्वास्थ्य सचिव केके सोन ने बताया कि केंद्र सरकार को मार्च के अंतिम सप्ताह में 5 लाख वैक्सीन डोज और 2 अप्रैल को भी 5 लाख अतिरिक्त वैक्सीन डोज उपलब्ध कराने के लिए पत्र लिखा गया है। यानी 10 लाख डोज की मांग की गई है लेकिन अभी तक वैक्सीन की खेप नहीं आई है। उन्होंने कहा कि इसके लिए दोबारा केंद्र सरकार के प्रतिनिधि से आग्रह किया जाएगा।
स्वास्थ्य सचिव ने उम्मीद जताई है कि अप्रैल के दूसरे सप्ताह तक कोवैक्सीन की खेप मिल जाएगी। फिलहाल 37 हजार लोगों को कोवैक्सीन की दूसरी डोज देनी है। इसकी तुलना में सिर्फ 25 हजार डोज उपलब्ध है। अब योजना के अनुसार किसी को कोवैक्सीन की पहली डोज नहीं दी जाएगी ताकि दूसरी डोज लेने वालों को इंतजार न करना पड़े। 14 अप्रैल तक कोवैक्सीन की खेप मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। जिन लोगों ने 20 मार्च के आसपास टीका लिया है उन्हें 30 अप्रैल तक दूसरा डोज देना है इसलिए ऐसा फैसला लिया गया है।
वहीं होली के बाद राज्य सरकार की तरफ से प्राइवेट हॉस्पिटल को मिलने वाली डोज में कटौती की गई है। पहले जिस हॉस्पिटल को जहां एक दिन में 50 वॉयल दिए जाते थे उसे घटाकर 10 कर दिया गया है। वहीं पहले जहां एक सप्ताह का स्टॉक एक साथ दिया जाता था वो अब रोजाना कर दिया गया है। इस पर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि निजी अस्पताल लक्ष्य के मुताबिक, वैक्सीनेशन नहीं कर रहे हैं जिसकी वजह से उनके डोज स्टॉक में कटौती की गई है।
उधर सोमवार को बिष्टुपुर स्थित रेड क्रास भवन व सदर अस्पताल में वैक्सीन के खेप खत्म होने के कारण लोगों को वैक्सीन नहीं लग सका। काफी संख्या में लोग अस्पताल वैक्सीन लेने पहुंचे थे लेकिन जैसे ही पता चला कि वैक्सीन खत्म हो गई है सभी लोग वापस घर लौट गए। इधर, जिला स्वास्थ्य विभाग की ओर से वैक्सीन की मांग की गई है। वैक्सीन गाड़ी रांची भेजा गया है। फिलहाल 750 डोज सरायकेला जिला से मांगा गया है लेकिन ये भी पर्याप्त नहीं है।
रेमडेसिविर पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध
दूसरी तरफ रेमडेसिविर को लेकर जानकारी देते हुए स्वास्थ्य सचिव केके सोन ने बताया कि कोरोना संक्रमितों को दी जाने वाली रेमडेसिविर की दवा पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। मरीजों की संख्या अचानक बढ़ने से आपूर्ति में दिक्कत जरूर आई थी लेकिन अब स्थिति नियंत्रण में है। हालांकि कई राज्यों की ऐसी ही स्थिति है। कल तक रिम्स में रेमडेसिविर के 100 वायल उपलब्ध थीं। लेकिन अब असम सरकार की मदद से रेमडेसिविर की 2000 वायल उपलब्ध हो गईं हैं। अलगे दो-तीन दिनों में 4 हजार वायल और मिल जाएंगे। निजी अस्पतालों में इस दवा की कमी को दूर करने के लिए आज ही 500 वायल उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया हैं। कल तक रेमडेसिविर का 1500 वायल और उपलब्ध हो जाएगा। जैसे ही आपूर्तिकर्ता अन्य स्थानों से ये दावा भेजेंगे, रेमडेसिविर की कहीं कमी नहीं होगी। स्वास्थ्य सचिव ने निजी अस्पतालों को हिदायत दी है कि अगर रेमडेसिविर की जरूरत हो तो सात दिन पहले इसकी जानकारी दें।