एक करोड़ का इनामी नक्सल अनल चाईबासा आईईडी ब्लास्ट का मास्टरमाइंड..

पश्चिमी सिंहभूम में गुरुवार को हुए आईइडी ब्लास्ट के पीछे पतिराम मांझी उर्फ अनल की साजिश बताई जा रही है। जानकारी के मुताबिक एक करोड़ के इनामी नक्सल अनल ने इस घटना को अंजाम देने के लिए दो ग्रामीणों का इस्तेमाल किया है। नक्सलियों द्वारा बनाए गए खतरनाक विस्फोटक को ब्लास्ट करने में गांव की एक महिला और एक पुरुष शामिल थे। पुलिस ने इन दोनों को मौके पर ही दबोच लिया है। शुरुआती जांच में झारखंड पुलिस ने इस साजिश के संबंध में कई अहम जानकारी हासिल की है।

ग्रामीण होने की वजह से नहीं हुआ शक
जानकारी के मुताबिक ये महिला और पुरुष सुरक्षाबलों के मूवमेंट पर बारीकी से नजर रखे हुए थे। क्योंकि वो ग्रामीण थे इसलिए सुरक्षाबलों को उन पर जरा भी शक नहीं हुआ। इसी बीच जैसे ही जवानों की टुकड़ी आगे बढ़ी दोनों ने ब्लास्ट कर दिया।

पुलिस की आपसी तालमेल पर भी उठ रहे हैं सवाल
हालांकि इस घटना के पीछे सर्च अभियान के दौरान स्थानीय पुलिस के साथ समन्वय की कमी को बड़ी वजह भी माना जा रहा है। दरअसल अभियान की पूरी मॉनिटरिंग मुख्यालय के स्तर से की जाती है तथा सीआरपीएफ व जगुआर के जवानों को इसमें शामिल किया जाता है। लेकिन चाईबासा के इस अभियान में स्थानीय पुलिस की टीम की मौजूदगी नहीं थी।

स्पेशल ब्रांच ने किया था आगाह
स्पेशल ब्रांच ने चाईबासा में पुलिस बलों पर हमले की साजिश को लेकर पहले ही आगाह किया था। स्पेशल ब्रांच ने ये बताया था कि अनल का दस्ता लांजी व आसपास के इलाकों में अभियान के दौरान पुलिस बलों को टारगेट कर सकता है। इससे पहले भी माओवादियों ने चाईबासा में अलग- अलग इलाकों में पुलिस बलों पर हमले की साजिश को अंजाम दिया था।

दूसरी तरफ, पूर्वी जमशेदपुर के निर्दलीय विधायक सरयू राय ने चाईबासा में कल हुए आइईडी ब्लास्ट में स्पेशल ब्रांच की गतिविधियों पर ही सवाल उठाया है। उन्होंने विधानसभा परिसर में कहा कि स्पेशल ब्रांच की लापरवाही से ही राज्य में लगातार नक्सली घटनाएं घट रही हैं। स्पेशल ब्रांच का खुफिया तंत्र कमजोर है या फिर पुलिस का क्षेत्र में ध्यान नहीं है। यही कारण है कि समय रहते नक्सलियों की गतिविधियों की जानकारी नहीं मिल पा रही है। यह गंभीर मामला है और सरकार को इसपर गंभीरता पूर्वक विचार करना चाहिए।

सरयू राय ने रांची के किशोरगंज चौक पर सीएम के काफिले पर हमले को भी स्पेशल ब्रांच की लापरवाही बताया। उन्होंने सवाल उठाया है कि आखिरकार ऐसी सूचनाएं स्पेशल ब्रांच को उनके गुप्तचर समय से क्यों नहीं दे पा रहे हैं।

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