तैनात आइजी सीआरपीएफ का कार्यकाल हो तीन साल का रखी गई है मांग..

Jhupdate: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने खनन कंपनियों पर बकाया 1.36 लाख करोड़ रुपये और झारखंड के करीब आठ लाख लाभुकों को वंचित ‘प्रधानमंत्री आवास योजना’ का उनका हक केंद्र सरकार से दिलाने की मांग की है। सीएम ने कहा झारखंड को नक्सलवाद से मुक्त करने के लिए और ‘नक्सल मुक्त झारखंड ‘ के लिए निर्माण के लिए विकास कार्य और संसाधनों की जरूरत है। खनन कंपनियों को इसलिए केंद्र बकाया भुगतान का निर्देश दे। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में शुक्रवार को नयी दिल्ली में आयोजित ‘वामपंथ उग्रवाद’ की समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री सोरेन ने अपने संबोधन के दौरान उक्त मांगें रखी।

संसाधन की है आवश्यकता….
पूरी उम्मीद है कि नक्सल विरोधी अभियान में राज्य सरकार और केंद्र सरकार के बीच बेहतर समन्वय हमेशा बना रहेगा हम मिलकर उग्रवाद के खिलाफ चल रही लड़ाई जीतेंगे। उग्रवादी संगठनों के विरुद्ध कार्रवाई में केंद्र तथा राज्य सरकार के संयुक्त प्रयासों से अच्छी सफलता हासिल हुई है। लेकिन, झारखंड में जिन स्थानों को नक्सलवाद से मुक्त कराया गया है या जहां नक्सल कम हुआ है, वहां विकास योजनाएं चलाने के लिए संसाधनों की जरूरत है। जिससे कि लोगों के बेहतर स्थिति से उसे स्थान पर फिर कभी नक्सलवाद का सामना न करना पड़े।

तीन वर्ष हो आइजी सीआरपीएफ का कार्यकाल….
राज्य सरकार एक बहुआयामी कार्य योजना के तहत उग्रवाद को समाप्त करने के लिए कार्य कर रही है। नक्सली नेताओं को चिह्नित कर उनके विरुद्ध संयुक्त रूप से विशेष अभियान चलाया जा रहा है। केंद्र के सहयोग के कारण झारखंड में उग्रवाद कम हो रहा है। आगे भी केंद्र से इसी इसी सहयोग की आशा है। सीएम ने कहा कि विकास योजनाएं तेजी से नक्सल प्रभावित क्षेत्रो में चलाये जाने की जरूरत है जहां से नक्सल समाप्त हो रहा है। राज्य में केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों की प्रतिनियुक्ति जारी रखने की जरूरत है जिससे कि राज्य में कम हो रहे उग्रवादियों की समस्या फिर से उत्पन्न ना हो सके। आइजी सीआरपीएफ का कार्यकाल कम से कम तीन वर्ष रखने की मांग भी रखी। सीएम ने सुरक्षा बलों के मनोबल को बनाये रखने के लिए पूर्व की भांति एसआरई मद में बीमा राशि की प्रतिपूर्ति जारी रखे जाने का सुझाव दिया।

स्थापना किए गए 48 सुरक्षा कैंप….
राज्य सरकार द्वारा भाकपा (माओवादी) के पांच संगठनों (क्रांतिकारी किसान कमेटी, नारी मुक्ति संघ, झारखंड ए- वन ग्रुप, झारखंड सांस्कृतिक मंच, मजदूर संगठन समिति) को प्रतिबंधित किया गया है। इनडायरेक्ट गुप्त रूप से उग्रवादियों का समर्थन कर रही और उग्रवाद उन्मूलन अथवा विकास में बाधा बन रही संस्थाओं पर निगरानी रखी जा रही है। अति नक्सल प्रभावित क्षेत्र, सरायकेला,बूढ़ा पहाड़, कोल्हान चाईबासा-खूंटी- रांची के सीमावर्ती क्षेत्र, एवं पारसनाथ क्षेत्र में जनवरी 2020 से अब तक 48 सुरक्षा कैंपों स्थापना की गयी है। जनवरी 2022 से अगस्त 2023 तक राज्य में 762 उग्रवादी गिरफ्तार हो चुके है। वही पुलिस मुठभेड़ में 20 नक्सली मारे जा चुके है। 37 नक्सलियो ने अब तक आत्मसमर्पण किया है। नक्सलियों के आय के स्रोत को बंद करने के तमाम प्रयास किये जा रहे है।