बीते सोमवार को झारखंड हाईकोर्ट में जस्टिस आनंद सेन की अदालत में वन मामले से जुड़े मुद्दे पर सुनवाई हो रही थी। इस मामले की सुनवाई के समय अपना पक्ष रखने के लिए न तो वकिल उपस्थित थे न ही कोई अधिकारी । जिस पर कोर्ट ने कड़ी नाराजगी जताते हुए
उन्हें जल्द से जल्द उपस्थित होने का आदेश दिया। जिसके बाद इस मामले में मुख्य सचिव और वन सचिव ऑनलाइन माध्यम से अदालत में हाज़िर हुए।
दोनों अधिकारियों की उपस्थिति के बाद कोर्ट की सुनवाई शुरू हुई। जिसमें जस्टिस आनंद सेन ने कहा कि यह मामला सरकार से जुड़ा है तो उस पर उन्हें अपनी तत्परता दिखानी चाहिए। ये याचिका सरकार ने दायर की है। इस लापरवाही से कोर्ट का समय बर्बाद होता है जो कि एक गंभीर विषय है। जिसके बाद मुख्य सचिव ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि अगली सुनवाई में वो सुनिश्चित करेंगे उनका पक्ष रखने के लिए सरकारी वकील कोर्ट में मौजूद हो।
आपको बता दें,यह मामला वन विभाग से जुड़ा हुआ है। वन विभाग ने एक वाहन जब्त किया था। जिसे निचली अदालत के आदेश पर छोड़ दिया गया था। जिसके बाद सरकार ने निचली अदालत के फैसले को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। लेकिन पिछ्ले कुछ समय से सरकार का पक्ष रखने के लिए सरकारी वकील हाईकोर्ट में पेश ही नहीं हो रहे।