रांची: टीम इंडिया के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को सुप्रीम कोर्ट से नोटिस मिली है. मामला डेढ़ सौ करोड़ के लेनदेन का है. दरअसल, यह नोटिस महेंद्र सिंह धोनी को पूर्व में आम्रपाली ग्रुप के ब्रांड एंबेसडर रहने के कारण मिला है. आपको बता दें कि आम्रपाली ग्रुप एक रियल एस्टेट कंपनी है. जिस पर आरोप है कि अभी तक ग्राहकों को उनके द्वारा बुक किए गए अपार्टमेंट नहीं दिए गए है. ऐसे में वैसे सभी पीड़ितों ने आम्रपाली समूह के खिलाफ केस दर्ज करवाया है. जो दिल्ली हाईकोर्ट के संज्ञान में है. हाल ही में हाईकोर्ट ने इसे लेकर एक कमेटी भी गठित की थी. जो सेवानिवृत्त जस्टिस वीणा बीरबल की अगुवाई में बनी थी. सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के बाद पीड़ितों ने तर्क दिया कि आम्रपाली ग्रुप के पास फंड ही नहीं है ऐसे में उनके द्वारा बुक किए गए फ्लैट उन्हें नहीं मिल पा रहे.
क्या है पूरा मामला?
पीड़ितों ने कोर्ट के समक्ष यह भी तर्क दिया है कि धोनी पूर्व में इस कंपनी के ब्रैंड अंबेसडर थे. उनके भी फीस के तौर पर 150 करोड़ इस कंपनी के पास बकाया है. यदि कंपनी उन्हें पैसे देगी तो हमारे फ्लैट नहीं मिल पाएंगे, क्योंकि आम्रपाली ग्रुप के पास पहले ही फंड नहीं है. इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने महेंद्र सिंह धोनी और आम्रपाली ग्रुप को एक नोटिस भिजवाया है. जिसमें कोर्ट की ओर से दोनों को अपना पक्ष रखने को कहा गया है.
धोनी के खिलाफ भी एकजुट होने लगे थे लोग..
गौरतलब है कि 2016 में आम्रपाली ग्रुप के कई प्रोजेक्ट को लेकर प्रदर्शन तेज हो गया था जिसके बाद धोनी पर भी इसकी आंच आने लगी. वे इस कंपनी के लिए विज्ञापन भी शूट करवा चुके थे. उनके खिलाफ भी सोशल मीडिया पर लोग एकजुट होने लगे. इसे भांपते हुए धोनी ने आम्रपाली ग्रुप से अपना हाथ खींच लिया और ब्रांड एंबेसडर से हट गए. फिर उन्होंने भी अदालत में अपनी फीस को लेकर भी अर्जी दी. जिसमें उन्होंने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि उनके भी 150 सौ करोड़ रुपए आम्रपाली ग्रुप के पास बकाया है.