राज्य के सरकारी स्कूलों के बच्चे इस वर्ष भी बिना परीक्षा के अगली कक्षाओं में प्रोमोट किए जायेंगे। सरकारी स्कूलों में कक्षा एक से सात तक की वार्षिक परीक्षा न तो ऑफलाइन आयोजित की जाएगी और न ही ऑनलाइन। हालांकि, फिलहाल स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ये भी विचार कर रहा है कि शिक्षकों के माध्यम से बच्चों को घर में ही प्रश्नपत्र भेजकर उनका सामान्य मूल्यांकन किया जाए। वहीं इस साल आठवीं बोर्ड की परीक्षा भी नहीं होने की संभावना है।
स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के सचिव राहुल शर्मा ने ये स्वीकार किया है कि स्कूलों के बंद रहने की स्थिति में ऑफलाइन परीक्षा संभव नहीं है। वहीं ऑनलाइन परीक्षा भी मुश्किल है क्योंकि उसके लिए बड़ी संख्या में बच्चों के पास डिजिटल सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं। सचिव राहुल शर्मा का कहना है कि विभाग प्रयास कर रहा है कि बच्चों का किसी तरह मूल्यांकन कराकर उन्हें अगली कक्षाओं में प्रोमोट किया जा सके। स्कूलों को जल्द ही इस संबंध में निर्देश दे दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस बार सत्र में देरी भी हो सकती है।
गौरतलब है कि इसी साल फरवरी महीने में मिड टर्म असेसमेंट के रूप में बच्चों का मूल्यांकन कराया गया था। इसके तहत शिक्षकों के माध्यम से प्रश्न पत्र बच्चों को घर पहुंचा दिए गए थे। बच्चों ने उसे हल कर वापस स्कूलों में जमा किया था। लेकिन ये मूल्यांकन एक तरह से ओपेन बुक एग्जाम की तरह हुआ था।
ज्ञात हो कि सरकारी स्कूलों में पिछले साल भी वार्षिक परीक्षा नहीं हो पाई थी। उस समय स्कूलों में इस परीक्षा की पूरी तैयारी कर ली गई थी, बाकायदा स्कूलों में प्रश्नपत्र तथा ओएमआर (ऑप्टिकल मार्क रीडर) शीट भी पहुंच गए थे, लेकिन ऐन वक्त पर कोरोना के कारण स्कूल बंद कर दिया गया था। इसके बाद बच्चों को बिना परीक्षा अगली कक्षाओं में प्रोन्नत कर दिया गया था। हालांकि, पिछले साल स्कूलों के बंद होने के पहले ही आठवीं बोर्ड की परीक्षा हो गई थी।