झारखंड में राशन दुकानदारों, सब्जी विक्रेताओं, वेंडरों, सभी कोटि के हॉकरों आदि का अब प्राथमिकता के आधार पर टीकाकरण होगा। राज्य सरकार ने कोरोना के हाई रिस्क ग्रुप वाले ऐसे 22 प्रकार के लोगों की पहचान की है जिनका टीकाकरण कराना जरूरी है। स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह ने इन सभी लोगों की प्राथमिकता के आधार पर टीकाकरण करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने सभी उपायुक्तों को कैंप लगाकर इस कार्य को शीघ्र पूरा करने को कहा है। इसके लिए उन्होंने पूछताछ केंद्र स्थापित करने को कहा है, जहां ऐसे लोग कॉल कर कैंप की जगह व समय आदि की जानकारी ले सकें। उन्होंने कैंप के व्यापक प्रचार-प्रसार करने के भी निर्देश उपायुक्तों को दिए हैं।
हाई रिस्क ग्रुप में ये शामिल..
हाई रिस्क ग्रुप में जिन लोगों को चिह्नित किया गया है, उनमें आक्सीजन उत्पादन, रिफी¨लग, ट्रांसपोर्टिंग आदि कार्य में लगे लोग, दिव्यांग, इंडियन रेलवे के फील्ड स्टाफ्स, टीटीई, ड्राइवर आदि, एयरपोर्ट के फील्ड एवं ग्राउंड स्टाफ्स, फील्ड में रहनेवाले पत्रकार, अखबारों के हॉकर, वकील व कोर्ट के अन्य स्टाफ्स, विलेज मार्केट, हाट बाजार के वेंडर, पेट्रोल पंप के कर्मी, मिल्क डिस्ट्रीब्यूटर, चेकपोस्ट के स्टाफ्स, होटल-रेस्टोरेंट के स्टाफ्स, राशन दुकान एवं अन्य जरूरी वस्तुओं के दुकानदार, श्रम विभाग के फील्ड ऑफिसर, टैक्सी-ऑटो ड्राइवर, रिक्शा चालक, ट्रांसजेंडर, कोविड कार्य में लगे स्वयंसेवक, जेल के कर्मी आदि शामिल हैं।
60 प्लस व दिव्यांगों का घर के पास टीकाकरण..
राज्य सरकार ने केंद्र के निर्देश पर 60 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्गों व 18 वर्ष से अधिक आयु के दिव्यांगों को उनके घर के पास ही टीकाकरण के लिए केंद्र बनाने का निर्णय लिया है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य अभियान, झारखंड के राज्य नोडल पदाधिकारी (आइईसी) सिद्धार्थ त्रिपाठी ने रविवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इनके लिए अलग से पांच लोगों की टीम बनाई जाएगी, जिनमें एक चिकित्सक तथा एक स्टाफ नर्स अनिवार्य रूप से होंगे। पास के सामुदायिक भवन, स्कूल, आंगनबाड़ी केंद्र, पो¨लग बूथ आदि में बनाए जानेवाले इन केंद्रों पर सिर्फ इनका ही टीकाकरण होगा।