गढ़वा: झारखंड के गढ़वा जिले के 12 निजी अस्पतालों की ओर से केंद्र सरकार की महत्वकांक्षी आयुष्मान भारत योजना में 7.78 करोड़ रुपए का गबन का मामला सामने आया है। इस बात को लेकर गढ़वा के डीसी राजेश कुमार पाठक ने स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा और परिवार कल्याण विभाग के सचिव को पत्र लिखकर उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। डॉक्टर्स और स्वास्थ्यकर्मियों के नहीं होने के बावजूद इन अस्पतालों को आयुष्मान योजना में करोड़ों रुपए का भुगतान किया गया है।
दरअसल प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत सूचीबद्ध अस्पतालों और नर्सिंग होम में कोविड-19 टीकाकरण के लिए 20 मार्च 2021 को सिविल सर्जन की उपस्थिति में बैठक हुई थी।इस बैठक में 12 निजी अस्पतालों की ओर से कोविड-19 टीकाकरण करने में सहमति प्रदान की गई थी। इन अस्पतालों ने अपने यहां कार्यरत चिकित्सकों और चिकित्साकर्मियों की सूची प्रशासन को उपलब्ध कराई थी। लेकिन जब सूची में दर्ज सभी चिकित्साकर्मियों के अस्पताल उपस्थिति की औचक जांच हुई तो सारे नदारद मिले। बता दे कि यह जांच 8 अप्रैल 2021 को हुई थी।
इसके साथ ही इन अस्पतालों को प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा और परिवार कल्याण विभाग झारखंड की ओर से निर्धारित मानकों के अनुरूप नहीं पाया गया। ऐसे में इन अस्पतालों को सरकारी राशि के गबन और वित्तीय अनियमितता में संलिप्त पाया गया है।