रांची: साहिबगंज की महिला थानेदार रही रूपा तिर्की की हत्या नहीं हुई थी। वह अपने प्रेमी शिवा से शादी नहीं होने के कारण तनाव में थी। तनाव व चिंता के कारण ही रूपा तिर्की ने गत वर्ष तीन मई 2021 की शाम अपने कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। इसका खुलासा झारखंड उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश वीके गुप्ता की अध्यक्षता में गठित एक सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग की रिपोर्ट से हुआ है। आयोग की रिपोर्ट को गुरुवार को झारखंड विधानसभा में सभा पटल पर रखा गया था। आयोग की रिपोर्ट में यह स्पष्ट तौर पर लिखा गया है कि यह एक साधारण आत्महत्या का केस था। एक युवा महिला पुलिस अधिकारी ने आत्महत्या इसलिए कर दी क्योंकि उसे पता था कि उसकी शादी उसके प्रेमी शिवा से नहीं हो सकती है। वह इसके चलते तनाव व चिंता में थी। आयोग को जांच के दौरान रूपा तिर्की की मौत के पीछे उसके आत्महत्या के अलावा किसी अन्य घटना से संबंधित अन्य कोई साक्ष्य नहीं मिला है।
सात सितंबर 2021 में सीबीआइ ने दर्ज की थी प्राथमिकी..
साहिबगंज की महिला दारोगा रूपा तिर्की की संदिग्ध परिस्थिति में मौत के मामले में सीबीआइ की पटना स्थित विशेष अपराध ब्यूरो शाखा ने सात सितंबर को प्राथमिकी दर्ज की थी। सीबीआइ ने राजमहल के पुलिस निरीक्षक राजेश कुमार के बयान पर साहिबगंज के बोरियो थाने में दारोगा शिव कुमार कनौजिया के विरुद्ध खुदकुशी के लिए प्रेरित करने से संबंधित धारा में दर्ज हुई प्राथमिकी को टेकओवर किया था। सीबीआइ ने यह प्राथमिकी हाई कोर्ट के आदेश के बाद दर्ज की थी। हाई कोर्ट में रूपा तिर्की के पिता देवानंद उरांव ने याचिका दायर कर यह मांग की थी कि उनकी पुत्री रूपा तिर्की की हत्या की गई है। उन्होंने पुलिस पर मामले को रफा-दफा करने का आरोप लगाते हुए सीबीआइ से जांच का आग्रह किया था। हाई कोर्ट ने एक सितंबर 2021 को ही सीबीआइ को आदेश दिया था कि वे इस केस को टेकओवर करते हुए अनुसंधान शुरू करें।
रूपा तिर्की की मौत के बाद दर्ज हुई थी दो अलग-अलग प्राथमिकियां..
रूपा तिर्की की तीन मई को संदिग्ध परिस्थिति में मौत हुई थी। उनका शव साहिबगंज स्थित उनके सरकारी क्वार्टर में फंदे से लटकता मिला था। इस मामले में पहले यूडी केस दर्ज हुआ था। बाद में साहिबगंज के बोरियो थाने में नौ मई 2021 को आरोपित दारोगा शिव कुमार कनौजिया पर खुदकुशी के लिए प्रेरित करने की धारा में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। दारोगा शिव कुमार कनौजिया देवघर जिले के मधुपुर स्थित भेड़वा का रहने वाला है। हाई कोर्ट ने एक सितंबर को जो आदेश दिया था, उसमें बताया था कि प्रारंभिक रिपोर्ट से यह स्पष्ट है कि इसमें कई मामले संदेहास्पद हैं। रूपा तिर्की की मौत के बाद उनका बिसरा सुरक्षित नहीं रखा जाना, शरीर पर पांच स्थानों पर जख्म होना, रूपा के परिजनों को प्रलोभन दिया जाना, पेट्रोल पंप देने तक देने की बात कहा जाना संदेह पैदा करता है। इसी आधार पर हाई कोर्ट ने सीबीआइ को गहन तफ्तीश कर सच्चाई उजागर करने का आदेश दिया था।