रांची में स्थित रिम्स में 370 नर्सों की बहाली की जाएगी| इससे पहले हुए 362 नर्सों की नियुक्ति प्रक्रिया को रद्द कर दी गई है, जिसके बाद अब नए सिरे से 370 नर्सों की बहाली के लिए विज्ञापन निकाला जाएगा। बुधवार को हुए रिम्स गवर्निंग बॉडी की बैठक में इस बाबत फैसला लिया गया। स्वास्थ्य मंत्री सह गवर्निंग बॉडी के अध्यक्ष बन्ना गुप्ता ने बताया कि नर्सों की इससे पहले हुई नियुक्ति प्रक्रिया में रोस्टर का पालन नहीं किया गया था। इसी को देखते हुए पहले की नियुक्ति प्रक्रिया रद्द कर दी गई। इसके साथ ही तृतीय व चतुर्थ श्रेणी के 145, लैब टेकनीशियन के 25 एवं ओटी असिस्टेंट के 14 पदों पर नियुक्ति के लिए निदेशक को अधिकृत किया गया।
रिम्स गवर्निंग बॉडी की बैठक में कई अन्य महत्वपूर्ण फैसले लिए गये जिसमें प्रति मरीज भोजन की राशि को 94 रुपए से बढ़ाकर 150 रुपये कर दिया गया है। इसके अलावा रिम्स के लिए जरूरी मशीन उपकरणों की खरीदारी अब जेम पोर्टल से करने का निर्णय लिया गया है।
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि रिम्स के नियमित कर्मचारियों का एक हेल्थ कार्ड बनाया जाएगा| जबकि, मानवीयता के आधार पर अनुबंध पर बहाल कर्मचारियों को स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। रिम्स निदेशक पद के लिए डॉ कामेश्वर प्रसाद के योगदान को स्वीकृति दे दी गई| जबकि, जीबी के एससी/एसटी सदस्य जेठा नाग का इस्तीफा मंजूर कर लिया गया। निजी प्रैक्टिस को लेकर होने वाली कार्रवाई का मामला एक बार फिर लटक गया। मंत्री ने कहा कि निजी प्रैक्टिस के दोषी दोनों चिकित्सकों से शो कॉज मांगा जाएगा और जरूरत पड़ी तो उन्हें जीबी के समक्ष बुलाया भी जाएगा। इसके अलावा रिम्स से जुड़े कई अन्य मुद्दों पर भी सहमति बनी।
बैठक के दौरान रिम्स में मरीजों की जांच की व्यवस्था को सेंट्रलाइज करने का निर्णय लिया गया। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि इससे जांच के लिए आये मरीजों को अब सभी विभागों में नहीं भटकना होगा। अस्पताल की इमरजेंसी की व्यवस्था भी सुदृढ़ की जाएगी। यहां के ट्रॉमा सेंटर का संचालन एम्स ट्रॉमा सेंटर की तर्ज पर किया जाएगा। न्यूरो सर्जरी आईसीयू के आधुनिकीकरण के लिए 36.78 लाख खर्च किया जाएगा। वहीं अस्पताल परिसर के सौंदर्यीकरण के लिए एडिशनल डायरेक्टर को अधिकृत किया गया है। मंत्री ने बताया कि आर्किटेक्ट चड्ढा एसोसिएट से रिम्स में प्रस्तावित निर्माण कार्य एवं परिसर के सौंदर्यीकरण के लिए विस्तृत प्रतिवेदन मांगाया गया था। उसी के आधार पर यहां सौंदर्यीकरण किया जाएगा।
बैठक में क्रिटिकल केयर एचओडी डॉ प्रदीप भट्टाचार्य पर कार्रवाई करने एवं तीन डॉक्टरों के इस्तीफे का मामला भी उठा। सदस्यों का कहना था कि यहां विशेषज्ञ डॉक्टर मिलते नहीं हैं। ऐसे में इन विशेषज्ञ डॉक्टरों को रिम्स से हटाने की बजाए उन्हें रखने पर जोर दिया जाए। वहीं, डॉ सैफ के अनुभव के मामले को लेकर कहा गया कि यदि नियुक्ति में तरजीह दी गई है तो उन्हें प्रोमोशन में दो साल का अधिक समय ले लिया जाए, लेकिन उन्हें हटाया ना जाए। वहीं मेडिसिन के डॉ उमेश प्रसाद को आरोप मुक्त कर दिया गया। तृतीय व चतुर्थ श्रेणी में की गई नियुक्तियों की समीक्षा कर प्रतिवेदन मांगा गया है।
दूसरी तरफ, रिम्स गवर्निंग बॉडी की बैठक में गलती और माफी का दौर भी खूब चला| बैठक में सदस्यों ने गलती पर गलती बताई और अध्यक्ष और प्रभारी निदेशक इसको लेकर माफी मांगते रहे।
जो पहली गलती गिनाई गई उसमें, जीबी के सदस्यों को दिए गए निमंत्रण में सांसद और विधायक का नाम सबसे नीचे था। इसे लेकर सांसद संजय सेठ ने आपत्ति जताई। जिसपर स्वास्थ्य मंत्री ने गलती मानते हुए आगे से ध्यान रखने का निर्देश दिया।
दूसरी गलती, प्रतुल शाहदेव को दिए गए निमंत्रण का था| इस मामले में भी मंत्री ने कहा कि ये गलती हुई। नियमानुसार बैठक में प्रतिनिधि को बैठने की इजाजत नहीं है। इसी के तहत प्रमंडलीय आयुक्त के प्रतिनिधि को भी शामिल नहीं किया गया। मंत्री ने कहा कि ये गलती कैसे हुई इसकी जांच कराई जाएगी।
सांसद संजय सेठ ने एक और गलती बताते हुए कहा कि उन्हें एक एजेंडा चार दिन पहले, एक 24 घंटा पहले और एक एजेंडा बैठक के दौरान दिया गया। इसकी वजह से प्रस्तावों की जानकारी नहीं हो पाती है। उन्होंने कहा कि अध्यक्ष की अनुमति से एजेंडा भेजा जाए। इस पर भी मंत्री जी ने माना कि गलती हुई है।
वहीं, खुद के लिए गाड़ी खरीदने के प्रस्ताव पर मंत्री ने गलती मानते हुए कहा कि उनकी जानकारी में ये प्रस्ताव नहीं था। ऐसे में बैठक के दौरान इस प्रस्ताव को रद्द कर दिया गया। प्रभारी निदेशक मंजू ने भी इस मामले में गलती तो मानी लेकिन उन्होंने कह दिया कि ये प्रस्ताव पूर्व मंत्री के समय पूर्व निदेशक के द्वारा दिया गया था|जबकि, पूर्व की बैठकों में ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं था।
उधर, भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव स्वास्थ्य मंत्री के लिए खिलौने वाली कार लेकर बैठक में पहुंचे थे। लेकिन, उन्हें बैठक में जाने से रोक दिया गया। पुलिस बल ने उन्हें प्रशासनिक भवन से भी बाहर कर दिया, जिसे लेकर पुलिस के साथ उनकी नोंक झोंक भी हुई। बाहर आकर उन्होंने मंत्री की गाड़ी पर नेमप्लेट के सामने खिलौना कार रख दिया औऱ वहां से चले गए। मंत्री की गाड़ी पर खिलौना कार देखने के बाद उनके पीएस ने आनन फानन में आवास पर फोन कर और सुरक्षा बल मंगा लिए।
जीबी की बैठक में स्वास्थ्य मंत्री के अलावा सांसद संजय सेठ, विधायक समरी लाल, प्रधान सचिव डॉ नितिन मदन कुलकर्णी, एडिशनल डायरेक्टर, प्रभारी डायरेक्टर समेत अन्य सदस्य उपस्थित थे।