केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान का आज शाम निधन हो गया. वो 74 साल के थे. उनके बेटे और सांसद चिराग़ पासवान ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी. उन्होंने दिल्ली के एस्कॉर्टस हॉस्पिटल में अंतिम सांस ली.
बता दें कि रामविलास पासवान का शनिवार को ही हार्ट का ऑपरेशन हुआ था जिसके बाद सभी उनके स्वस्थ होने की कामना कर रहे थे, लेकिन दुआओं का कोई असर नहीं हुआ और बिहार की राजनीति के कद्दावर दलित नेता माने जाने वाले रामविलास पासवान ने दुनिया को अलविदा कह दिया.
रामविलास पासवान ने ही सन 2000 में लोक जनशक्ति पार्टी की स्थापना की थी. खगड़िया के शहरबन्नी गांव में एक साधारण परिवार में जन्मे श्री पासवान ने छात्रसंघ से राजनीति में कदम रखा था. वह जेपी आंदोलन में भी बिहार में मुख्य किरदार थे. वे देश के दलितों की हित के लिए संघर्ष करते रहे. मृदुभाषी होने के कारण सभी के दिल में उनके लिए जगह थी.
पहली बार वर्ष 1969 में वह विधायक बने. वर्ष 1977 में पहली बार मतों के विश्व रिकॉर्ड के अंतर से जीतकर लोकसभा पहुंचे. इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. केंद्र में एनडीए की सरकार हो या यूपीए की, उनका महत्व समान रूप से बना रहा. रामविलास पासवान देश के छह प्रधानमंत्रियों की कैबिनेट में मंत्री रहे.
रामविलास पासवान का जन्म 5 जुलाई 1946 में हुआ था. उनका पैतृक गांव खगड़िया जिले के अलौली स्थित शहरबन्नी गांव है. उनकी शादी 1960 में राजकुमारी देवी के साथ हुई थी. बाद में 1981 में उस पत्नी को तलाक देकर दूसरी शादी 1983 में रीना शर्मा से की. उनकी दोनों पत्नियों से तीन पुत्रियां और एक पुत्र है. उन्होंने कोसी कॉलेज खगड़िया और पटना यूनिवर्सिटी में पढ़ाई की. पटना विश्वविद्यालय से उन्होंने एमए और लॉ ग्रेजुएट की डिग्री ली. वह नॉनवेज पसंद करते हैं. मछली उनकी पहली पसंद थी.