पलामू टाइगर रिजर्व (पीटीआर) के बीच से तीसरा रेलवे ट्रैक बिछाने के प्रस्ताव से संबंधित वन्यजीव मुद्दों को लेकर बुधवार को नई दिल्ली में अहम बैठक होने वाली है|हालांकि, हालातों को देखते हुए बैठक में इस मुद्दे पर कोई हल निकलने की संभावना नहीं लग रही है|
इस मामले को केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के तहत उद्योगों और आंतरिक व्यापार को बढ़ावा देने के विभाग के परियोजना निगरानी समूह की बैठक में चर्चा के लिए सूचीबद्ध किया गया है।
दरअसल, पतरातू और सोननगर के बीच रेलवे ने 291-लंबी तीसरी रेलवे लाइन का निर्माण होना है, जिसमें से 12 किमी पीटीआर से होकर गुजरना है, लेकिन झारखंड सरकार ने उक्त योजना पर आपत्ति जताते हुए कहा है कि ये निर्माण वन्यजीवों को परेशान करेगा।
दक्षिण मध्य रेलवे के धनबाद डिवीजन के अंतर्गत एक डबल-लाइन रेलवे ट्रैक यहां पहले से मौजूद है, लेकिन अब रेलवे अधिकारी यहां तीसरी लाइन का निर्माण करना चाहते हैं| वो इसे कोयले के तेज परिवहन की सुविधा की दृष्टिकोण के लिए आवश्यक मानते हैं| इसके साथ ही ये फीडर मार्ग के रूप में भी कार्य करेगा।
लेकिन झारखंड ने पीटीआर के माध्यम से अतिरिक्त रेल ट्रैक के निर्माण योजना के प्रस्ताव पर आपत्ति जताई| इसके साथ ही इस मामले को राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण को संदर्भित किया, जिसके तहत एक समिति बनाई गई।
इस बाबत कार्रवाई करते हुए समिति ने रिजर्व में हाथी और बाघों की आबादी से संबंधित आंकड़े, हाथी पार करने के क्षेत्र / ट्रैक, वन्यजीव दुर्घटनाओं आदि संबंधित आंकड़ें मंगवाए ताकि वन्यजीव प्रबंधन के मुद्दों और शमन उपायों का मसौदा तैयार किया जा सके।
इस बीच, पीटीआर अधिकारियों ने सुझाव दिया कि बाघ रिजर्व के भीतर प्रस्तावित 12 किलोमीटर के रेल ट्रैक को लगभग 2 किमी दूर एक नए स्थान पर स्थानांतरित कर दिया जाए, जिसे रेलवे अधिकारियों ने संभव नहीं माना।