राज्य में कोरोना से बिगड़ते हालात के मद्देनजर स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने गुरुवार को निजी अस्पताल संचालकों के साथ नामकुम स्थित आरसीएच सभागार में बैठक की। इस बाबत उन्होंने अस्पतालों को अपनी वेबसाइट और नोटिस बोर्ड के जरिए कोविड-19 के इलाज का निर्धारित दर की जानकारी देने को कहा। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि अस्पतालों द्वारा मनमानी राशि वसूले जाने का मामला संज्ञान में आया है। ऐसे अस्पतालों के विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। कोविड-19 के इस दूसरे फेज में मानव हित, राज्य हित एवं राष्ट्रीय हित में सरकारी एवं निजी अस्पतालों को मिलकर कार्य करने की आवश्यकता है।
मंत्री ने बैठक में उपस्थित नहीं होने वाले निजी अस्पतालों पर नाराजगी जताई। उन्होंने अभियान निदेशक को कहा कि ऐसे अस्पतालों से स्पष्टीकरण मांगा जाए और संबंधित इंसीडेंट कमांडर द्वारा उन अस्पतालों की जांच करते हुए आवश्यक कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के लगभग 90 प्रतिशत मरीजों का इलाज ऑक्सीजन सपोर्ट एवं दवाईयों से किया जा सकता है। मात्र 10 प्रतिशत संक्रमितों को ही वेंटिलेटर की जरूरत होती है। अस्पतालों को इस अनुसार इलाज का प्रयास करना चाहिए। बैठक में स्वास्थ्य सचिव केके सोन तथा अभियान निदेशक रविशंकर शुक्ला आदि भी उपस्थित थे।
स्वास्थ्य मंत्री ने निजी अस्पतालों को 25 फीसदी बेड कोरोना मरीजों के इलाज के लिए सुरक्षित करने के निर्देश दिए हैं। मंत्री ने कहा कि अस्पतालों को राज्य सरकार द्वारा तय कोविड प्रोटोकॉल का पालन अनिवार्य रूप से करना होगा। उन्होंने प्रोटोकॉल का अनुपालन नहीं करने पर लाइसेंस रद्द करने तक की चेतावनी भी दी। उन्होंने कहा कि प्रत्येक छह घंटे पर अस्पताल में बेड की उपलब्धता की जानकारी प्रशासन को अनिवार्य रूप से देनी होगी।