बिहार-झारखण्ड के ‘किडनैपर किंग’ को पुलिस ने मध्य प्रदेश में धर दबोचा..

बिहार-झारखण्ड में ‘किडनैपर किंग’ के नाम से मशहूर कुख्यात अपराधी चंदन सोनार को पुलिस ने मध्य प्रदेश के सिंगरौली से गिरफ्तार कर लिया है। बिहार, झारखण्ड, छत्तीसगढ़, गुजरात और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों को आतंकित करने वाला चंदन वो शख्स है जिसने रांची में होटल कावेरी के संचालक लव भाटिया, ज्वेलर परेश मुखर्जी, जमीन कारोबारी मदन सिंह के बेटे का अपहरण किया था। साथ ही रांची के अपराधियों के साथ मिलकर गुजरात के हीरा व्यवसायी सोहैल हिंगोरा के अपहरण में भी शामिल था।

चंदन सोनार पिछले 10 वर्षों से मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले में होटल कारोबारी चंद्रमोहन के नाम से रह रहा था। स्थानीय पुलिस उसकी असली पहचान से वाक़िफ़ नहीं थी। होटल व्यवसायी के पीछे छिपे उसके खतरनाक रूप को पुलिस भांप नहीं पायी। वजह ये थी की चंदन ने सिंगरौली में कोई अपराध नहीं किया। उसकी शिनाख्त बंगाल पुलिस ने की।

बंगाल पुलिस बर्धमान के एक व्यापारी के अपहरण के सिलसिले में चंदन की तलाश कर रही थी। इस दौरान पुलिस को खबर मिली की चंदन मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले में छिपा है। इसके बाद सिंगरौली पुलिस की मदद से बंगाल पुलिस ने चंदन को उसके घर से गिरफ्तार कर लिया। वहीं सिंगरौली के लोग हैरान हैं कि शहर का नामी होटल संचालक इतना बड़ा अपराधी कैसे हो सकता है। आपको बता दें की ‘किडनैपर किंग’ के नाम से मशहूर चंदन के खिलाफ अलग अलग राज्यों में 40 मामले दर्ज हैं। चंदन मूल रूप से बिहार के हाजीपुर का निवासी है।

पुलिस द्वारा किये गए खुलासे से पता चला कि चंद्र मोहन का असली नाम चंदन सोनार है। किडनैपिंग उसका असली कारोबार है, जिस वजह से वह ‘किडनैपर किंग’ के नाम से कुख्यात है। चंदन ने करीब दो वर्ष पूर्व 2019 में बंगाल के एक बड़े व्यापारी का अपहरण किया था। उसी मामले की छानबीन के दौरान बंगाल पुलिस को चंदन के सिंगरौली में होने की खबर मिली और उन्होंने सिंगरौली पुलिस से संपर्क किया।सिंगरौली जिले की पुलिस को चंद्र मोहन के होटल व्यवसाय के बारे में जानकारी थी लेकिन चंदन सोनार के बारे में उन्हें कुछ पता नहीं था। पूरे मामले की जानकारी मिलने के बाद सिंगरौली पुलिस ने बंगाल पुलिस की क्राइम ब्रांच की सहायता से चंद्रमोहन उर्फ़ चंदन सोनार की हिरासत में ले लिया। जिसके बाद ट्रांजिट रिमांड लेने के बाद चंदन सोनार को लेकर पश्चिम बंगाल पुलिस लौट गई।

चंदन को 2011 में ज़मानत मिली थी जिसके बाद वो सिंगरौली में नाम बदल कर रहने लगा। पुलिस से पूछताछ के दौरान चंदन ने बताया कि वो रांची और बेऊर जेल में रह चुका है लेकिन सिंगरौली में रहने के दौरान उसने कोई अपराध नहीं किया। हालाँकि दूसरे राज्यों में होने वाले अपहरण काण्ड में उसका नाम ज़रूर आता रहा।