झारखंड में खतियान के आधार पर नहीं बन सकती नियोजन नीति : हेमंत सोरेन

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने विधानसभा में बुधवार को कहा कि राज्य सरकार की प्राथमिकताओं में स्थानीय और नियोजन नीति शामिल है। हालांकि 1932 के खतियान के आधार पर इसे लागू नहीं किया जा सकता, कोर्ट इसे खारिज कर देगी। उन्होंने इस दौरान घोषणा की कि राज्य में 350 वर्ग फीट तक के आवासों पर कोई होल्डिंग टैक्स नहीं लगेगा। इससे राज्य के लगभग 85 हजार परिवारों को लाभ होगा। इसके साथ ही उन्होंने महीने में 100 यूनिट तक बिजली खपत करनेवाले लोगों से कोई शुल्क नहीं वसूले जाने की बात कही।

बालू और खदानों के लूट संबंधित आरोपों पर भाजपा को दिया जवाब..
उन्होंने विपक्ष द्वारा बालू और खदानों के लूट संबंधी आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि खदानों से राज्य सरकार का राजस्व पहले से कहीं अधिक बढ़ा है। 2016 में जहां 4120 करोड़ रुपये की कमाई हुई थी, वहीं इस वर्ष 6902 करोड़ रुपये से अधिक की आमदनी हुई है। पूर्व की भाजपा सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा वाले बोलते हैं कि पिछली सरकार में रोजगार का द्वार खुला था लेकिन रघुवर दास ने एक ऐसा दरवाजा खोला जो कोर्ट में औंधे मुंह गिरा। पिछले 21 वर्षों में 14 साल झारखंड में भाजपा का शासन रहा है और इस दौरान भाजपा ने व्यवस्थागत चीजों पर ध्यान नहीं दिया, सिर्फ सरकार बनाने और बचाने में जुटी रही। अभी भी भाजपा अगल-बगल से सत्ता पर काबिज होने की फिराक में है। हम लोगों ने संसाधन बढ़ाने पर ध्यान दिया है। पहली बार पीडब्ल्यूडी रोड से 150 करोड़ रुपये का राजस्व मिला है और वन क्षेत्रों से भी सरकार के खजाने में करोड़ों रुपये आए हैं। मुख्यमंत्री ने हर वर्ष पांच लाख लोगों को नौकरी देने की बात को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि हमने रोजगार देने का वादा किया था। इस दौरान विनियोग विधेयक भी पारित हो गया।

सत्ता बचाने के लिए भाजपा सरकारों ने खजाना खाली कर दिया..
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड काल में सरकार ने संसाधन जुटाने पर काम किया और इसका नतीजा दिख रहा है। बाबूलाल मरांडी के समय में राज्य के पास सरप्लस बजट होता था, लेकिन धीरे-धीरे सत्ता बचाने की कोशिशों में भाजपा के सरकारों ने खजाने का बंटाधार कर दिया। विधायकों की खरीद-फरोख्त कर सरकार बनाई गई। खजाना खाली हो गया लेकिन अब नए सिरे से राजस्व बढ़ाने पर काम हो रहा है। इसी तरह से चला तो दस वर्षों में हमें केंद्र से पैसा मांगने की जरूरत नहीं होगी बल्कि हम केंद्र को पैसा देने की स्थिति में रहेंगे।

यूपी-बिहार वालों का कब्जा होता, झारखंडी बच्चों को नौकरी नहीं मिलती..
भाजपा पर आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि राज्य में जिस तरह की नियोजन नीति बनाई गई थी, उसके अनुसार झारखंड में यूपी-बिहार वालों को ही नौकरी मिलती। झारखंडी बच्चों को नौकरी मिलती ही नहीं। भाजपा ने पहले 1985 को स्थानीयता का आधार बनाया और अब 1932 के खतियान के लिए भी तैयार हो रहे हैं। दो साल में ही बदल गए लेकिन यह जान लीजिए कि झारखंड में यहीं का कानून चलेगा।

अब हमारे हाथ में बल्ला, हम तय करेंगे चौका मारे या छक्का..
मुख्यमंत्री ने कहा कि पांच साल हम विपक्ष में बैठे और बालिंग करते रहे। अब हमारे हाथ में बल्ला है जबकि भाजपावाले बालिंग कर रहे हैं। हम तय करेंगे कि किस बाल पर चौका मारना है, किस पर छक्का और किस बाल पर दौड़कर रन बनाना है। भाजपा विधायकों की चुनौती स्वीकार करते हुए कहा कि चिंता नहीं कीजिए समय आएगा तो प्रधानमंत्री भी बनेंगे लेकिन जुमलाओं का पीएम नहीं होगा। आयुष्मान योजना में पूरी राशि केंद्र देती है, से संबंधित बयान पर उन्होंने आपत्ति भी जताई।

प्रमुख घोषणाएं..

  • 100 यूनिट तक बिजली खपत करनेवालों से कोई शुल्क नहीं लेगी सरकार।
  • प्राइवेट स्कूलों की तर्ज पर 12 जिलों में खुलेंगे इंग्लिश मीडियम स्कूल।
  • खिलाड़ियों को सीधी नियुक्ति के बाद अब नौकरियों में आरक्षण भी।
  • महीने भर में 20 हजार पदों के लिए नियुक्ति प्रक्रिया शुरू होगी।
  • रूपेश पांडेय के हत्यारों को सजा दिलवाकर रहेगी सरकार।
  • राज्य में 7267 पदों के लिए अधियाचनाएं भेजी जा चुकी हैं।
  • झारखडं में शीघ्र खुलेगी स्किल डेवलपमेंट युनिवर्सिटी।
  • 2898 पदों के लिए विज्ञापन निकाला जा चुका है।