झारखण्ड की राजधानी रांची व धनबाद के आस -पास की हवा शुद्ध करने के लिए सरकार 318 करोड़ खर्च करेगी | नगर विभाग ने इसकी योजना बनाई है | इसके लिए 15वें वित्त आयोग की अनुशंसा पर 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों के लिए राशि मिलेगी | विभाग की ओर से यह राशि आबादी वाले इलाकों में वातावरण की हवा की गुणवत्ता सुधारने पर खर्च होंगे |इस योजना के तहत ठोस कचरा प्रबंधन के लिए भी राशि खर्च की जाएगी | जिससे शहर को स्वच्छ बनाया जा सके |
जानकारी के अनुसार केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने वर्ष 2020 से 2025 तक के लिए शहरों की वायु गणुवत्ता सुधारने के लिए कार्यरत है | इसके तहत प्रत्येक वर्ष के लिए लक्ष्य तय किये गए हैं | इसी को मद्देनज़र रखते हुए झारखंड सरकार ने वायु शुद्धिकरण की योजना बनाई है | वायु में खासकर पीएम 10 और पीएम 2.5 कणों की मात्रा सुधारने पर फोकस किया जाएगा | केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की ओर से परिवेश की वायु गुणवत्ता में सुधार नहीं पाए जाने पर शेष राशि के शर्तों के बारे में विचार किया जाएगा | आपको बता दें कि 15 वें वित्त आयोग की अनुशंसा पर मिलने जा रही 318 करोड़ की इस राशि में से 159 करोड़ बिना शर्त के मिलेगी। बाकी राशि परिणाम को देखकर शर्तों के आधार पर केंद्र सरकार द्वारा जारी की जाएगी।
नगर विकास विभाग रांची और धनबाद के क्लाइमेट असेसमेंट रिपोर्ट के आधार पर पहल करेगा। भारत सरकार की ओर से भी शहरों को क्लाइमेट स्मार्ट बनाने की योजना पर काम किया जा रहा है। इसके लिए क्लाइमेट-स्मार्ट सिटीज एसेसमेंट फ्रेमवर्क, ग्रीन इंडिया मिशन और नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम, अमृत और स्वच्छ भारत मिशन के तहत कई तरह के प्रावधान किए गए हैं। इनमें शहरों का कार्बन उत्सर्जन कम करने के लिए चरणबद्ध लक्ष्य तय किए जाएंगे।राज्य सरकार 2050 तक बढ़ी आबादी के आधार पर भी वायु गुणवत्ता की जरूरतों का भी आकलन करेगी। इसमें कार्बन उत्सर्जन कम करने से लेकर हरित सार्वजिनक परिवहन को बढ़ावा देने, शुद्ध हवा की कार्य योजना लागू करने और राष्ट्रीय व्यापक वायु गुणवता मानक का पालन करना भी शामिल है। सीवर के पानी को बेकार नहीं जाने देने पर भी अमल किया जाएगा।