रांची : सेवा सदन को तोड़ने का आदेश, नये मरीज भर्ती करने पर भी रोक..

रांची नगर निगम ने सेवा सदन अस्पताल को तोड़ने का आदेश दिया है। नगर आयुक्त मुकेश कुमार की कोर्ट ने मंगलवार को यह आदेश दिया। अस्पताल प्रबंधन को 15 दिन में भवन हटाने का समय दिया गया है। ऐसा नहीं करने पर निगम बलपूर्वक बिल्डिंग को तोड़ेगा और उसमें खर्च होने वाली राशि भी वसूल करेगा। सेवा सदन पर 5.25 लाख का जुर्माना भी लगा है। इसमें हॉस्पिटल प्रबंधन पर बिना नक्शा स्वीकृत कराए हॉस्पिटल संचालन करने और कोर्ट को दिग्भ्रमित करने के लिए 5 लाख रुपए जुर्माना भी लगाया गया और बड़ा तालाब को प्रदूषित करने के आरोप में 25 हजार का जुर्मान लगया गया है। जुर्माने की राशि भी 15 दिनों के अंदर जमा करने का आदेश दिया गया है।

बता दें की शहर में अवैध भवन निर्माण से संबंधित 50 से अधिक मामले की सुनवाई मंगलवार को नगर आयुक्त की कोर्ट में हुई। इसमें 40 से अधिक मामलों में भवन मालिकों द्वारा स्वीकृत नक्शा या कोई वैध कागजात नहीं दिखाया गया। इसके बाद नगर आयुक्त ने बिना नक्शा के बने भवन के मामले में एकतरफा आदेश पारित कर दिया। इसी क्रम में सेवा सदन हॉस्पिटल को भी तोड़ने का आदेश दे दिया गया। इसके अलावा अपर बाजार, हिनू नदी, हरमू नदी व कांके डैम के भी कई मामलों की सुनवाई हुई।

निगम आयुक्त के कोर्ट ने सेवासदन को 15 दिनों का समय देते हुए अब नए मरीज भर्ती नहीं करने को भी कहा है। बता दें की सेवा सदन समेत कई प्रतिष्ठानों को नक्शा पेश करने के लिए निगम ने नोटिस दिया था। इसके बाद कई लोगों ने नक्शा पेश करने के लिए समय मांगा था। लेकिन तय समय में नक्शा पेश नहीं कर सके। इसके बाद नगर आयुक्त का कोर्ट इन मामलों की सुनवाई करते हुए आदेश जारी कर रहा है।

इधर सेवा सदन अस्पताल प्रबंधन समिति के अध्यक्ष आरके सरावगी ने कहा कि अभी तक निगम का आदेश नहीं मिला है। आदेश मिलने के बाद नियमानुसार प्रक्रिया की जाएगी। उन्होंने कहा कि बुधवार को अंचल कार्यालय में हाजिर होकर नोटिस का जबाव दिया जाएगा। वहीं कोर्ट के आदेश के बाद नगर निगम की स्वास्थ्य पदाधिकारी डॉ. किरण को आज हॉस्पिटल का निरीक्षण कर वहां भर्ती मरीज की सूची तैयार करेंगे। उन्होंने कहा है कि हॉस्पिटल में कुल कितने मरीज भर्ती हैं, कौन-कौन सी बीमारी से पीड़ित मरीज का क्या इलाज चल रहा है, उनके डिस्चार्ज होने की कब तक संभावना है, इसकी पूरी सूची तैयार कर दे, ताकि हॉस्पिटल तोड़ने से पहले मरीजों को परेशानी भी न हो।